Bihar politics : विजय सिन्हा ने दिखाई सख्ती तो कसी अवैध बालू खनन पर नकेल, खनन नीतियों के बदलाव से राजस्व में ऐतिहासिक वृद्धि

उप-मुख्यमंत्री सह खान एवं भूतत्व मंत्री विजय कुमार सिन्हा द्वारा खनन विभाग में लगातार दिखाई सख्ती का बेहतरीन परिणाम समाने आया है. राज्य में 25 प्रतिशत बालूघाट सरेंडर होने के बावजूद खनन विभाग के राजस्व में ऐतिहासिक वृद्धि हुई.

Vijay Sinha

Bihar politics : बिहार सरकार की प्रभावी नीतियों और कुशल प्रशासन के परिणाम से खान एवं भूतत्व विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। यह सरकार की प्रभावी नीतियों और कामकाज में पारदर्शिता का ही नतीजा है कि विभाग ने राजस्व वसूली, अवैध खनन नियंत्रण, ओवरलोडिंग की समाप्ति, पुलिस प्रशासन में सुधार और नागरिक सुविधाओं में वृद्धि जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सफलता हासिल की है।


उप-मुख्यमंत्री सह खान एवं भूतत्व मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बालू के अवैध खनन, परिवहन और ओवरलोडिंग को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विभागीय अधिकारी पुलिस और जिला प्रशासन के साथ तालमेल बैठाकर प्रभावी कार्रवाई को अंजाम देंगे। आने वाले समय में विभाग की तस्वीर और भी अधिक बदलेगी।


ओवरलोडिंग पर पूर्ण नियंत्रण

अक्टूबर 2024 में खनन नियमावली में किए गए सख्त प्रावधानों के कारण राज्यभर में बालू के अवैध खनन पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित हुआ है। इससे ओवरलोडिंग लगभग समाप्त हो गई है, जिससे दंड मद में अपेक्षाकृत कम राशि की वसूली हुई है। खान एवं भूतत्व विभाग ने पिछले दिनों समाप्त हुए वित्तीय वर्ष 2024-25 में अपने निर्धारित लक्ष्य को पार कर लिया है। विभाग ने 3500 करोड़ रुपये के लक्ष्य के विरुद्ध कुल 3569 करोड़ रुपये के राजस्व की वसूली की है, जो अबतक की सर्वाधिक वसूली है। उल्लेखनीय है कि लगभग 40 बालूघाटों के प्रत्यार्पण के बावजूद इस लक्ष्य को प्राप्त किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 114 प्रतिशत अधिक है। वित्तीय वर्ष 2021-22 की तुलना में जहां खान एवं भूतत्व विभाग का समाहरण 1766 करोड़ रुपये था, जो वर्ष 2024-25 में दोगुने से भी अधिक बढ़कर 3569 करोड़ रुपये हो गया है।

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सड़क एवं पुलों की सुरक्षा

ओवरलोडिंग से सड़कों और पुलों को होने वाले नुकसान को कम करने में सफलता मिली है। इससे सड़कों का रखरखाव आसान हुआ है और सरकार की मरम्मत लागत में भारी कमी आई है। पहले ओवरलोडिंग करने वाले ट्रक पुलिस से बचने के लिए तेज गति से चलते थे, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बनी रहती थी। परंतु अब इस प्रकार की घटनाओं में भारी कमी आई है। इससे आम  जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की गई है।


पुलिस एवं थानों की जवाबदेही

खनिज परिवहन करने वालों को अनावश्यक रूप से परेशान न किया जाए। इसके लिए खनन पदाधिकारी की उपस्थिति में ही जांच करने और जांच और जब्ती की सूचना 24 घंटे के भीतर जिला समाहर्ता को देने का प्रावधान किया गया है। इससे पुलिस प्रशासन की जवाबदेही सुनिश्चित की गई है।


अवैध खनन रोकने के लिए प्रोत्साहन योजना

अवैध खनन की सूचना देने वाले 'बिहारी खनन योद्धाओं' को ट्रैक्टर के लिए 5000 रुपये और अन्य बड़े वाहनों के लिए 10,000 रुपये का पुरस्कार दिया जा रहा है। अब तक कुल 59 लाभुकों को कुल 3,25,000 रुपये हस्तांतरित किए जा चुके हैं और शेष लाभुकों की राशि भी शीघ्र हस्तांतरित की जाएगी। यह योजना आगे भी जारी रहेगी।


संवेदकों पर सख्ती

कार्य विभागों में उपयोग किए जाने वाले खनिजों की वैधता सुनिश्चित करने के लिए संवेदकों को अपने चालान और परमिट प्रस्तुत करने होंगे। नई खनन नीति के तहत यदि कोई संवेदक अवैध रूप से खनिज का उपयोग करता है तो उस पर 25 गुना तक का जुर्माना लगाया जाएगा। सरकारी परियोजनाओं में अवैध खनिजों के उपयोग को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।


अवैध खनन करने वालों पर कठोर कार्रवाई

सरकार अवैध खनन करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई के लिए संकल्पित है। अवैध खनन से सरकारी राजस्व और पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। इसलिए ऐसे तत्वों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि अवैध कारोबार करने वालों को किसी प्रकार की राहत नहीं मिलेगी और उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।


निजी उपयोग के लिए अब मिट्टी फ्री

गैर-व्यावसायिक उपयोग के लिए मिट्टी के स्वामित्व की आवश्यकता नहीं होगी। पुलिस प्रशासन को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि निजी उपयोगकर्ताओं को अनावश्यक रूप से परेशान न किया जाए।


वैध खनिज परिवहन के लिए पांच प्रतिशत तक लोडिंग में छूट

राज्य सरकार ने परिवहनकर्ताओं की सुविधा के लिए यह प्रावधान किया है कि यदि किसी वाहन में लदा हुआ खनिज मात्रा चालान में दर्ज मात्रा से 5 प्रतिशत तक अधिक हो, तो केवल अंतर की मात्रा का शुल्क ही वसूल जाएगा।

वंदना की रिपोर्ट