Bihar News: जिन अंचलों में म्यूटेशन और परिमार्जन के मामले अधिक संख्या में लंबित हैं, वहां राजस्व अधिकारी की तैनाती का निर्णय लिया गया है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की कोशिश है कि अगले तीन महीनों में सभी प्रकार की ऑनलाइन सेवाओं में लंबित मामलों को शून्य किया जाए. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री डॉ दिलीप कुमार जायसवाल ने विभागीय अधिकारियों को यह निर्देश दिया है.
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री ने राज्य के उन अंचलों में राजस्व अधिकारियों की तैनाती करने का निदेश दिया है जहां म्यूटेशन और परिमार्जन के ज्यादा मामले लंबित हैं। साथ ही यह भी कहा कि अगले तीन महीनों में सभी प्रकार की ऑनलाइन सेवाओं में लंबित मामलों को शून्य किया जाए। अंचल अधिकारियों की हाल में हुई बैठक में ऑनलाइन सेवाओं में लंबित मामलों पर चर्चा हुई थी। मंगलवार को राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री के कार्यालय कक्ष में हुई बैठक में पटना सदर अंचल को 4 अंचलों में विभक्त करने के संबंध में भी चर्चा हुई। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि चारों अंचलों के पदों की प्रशासी पद वर्ग की अनुशंसा प्राप्त हो चुकी है। इसका अनुमोदन कैबिनेट से कराया जाना है। राजधानी के चारों नए अंचल जल्द की कार्य करने लगेंगे।
डॉ दिलीप जायसवाल ने अधिकारियों को निदेश दिया कि राजस्व सेवा के पदाधिकारियों की सेवा पुस्तिका को अविलंब जिलों से मंगा लिया जाए और उसमें विभाग द्वारा दिए गए दंड आदि की प्रविष्टि कर दी जाए। करीब 125 अधिकारियों की सेवा पुस्तिका अभी जिलों से विभाग में नहीं पहुंची हैं। उसमें सजा के प्रावधानों की प्रविष्टि विशेष अभियान के तहत एक सप्ताह के भीतर करने का निदेश दिया गया। डॉ जायसवाल ने सभी जिला पदाधिकारियों को पत्र देकर उन राजस्व कर्मचारियों की सूची मंगाने का निदेश दिया, जिनपर भ्रष्टाचार के आरोप में कार्रवाई की गई है। साथ ही यह भी सुनिश्चित करने का निदेश दिया कि जिन राजस्व कर्मचारियों पर जिला पदाधिकारियों द्वारा कार्रवाई की गई है या सजा दी गई है, उनकी प्रविष्टि उनकी सेवा पुस्तिका में दर्ज हो।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि हाल में अंचल अधिकारियों एवं डाटा इंट्री ऑपरेटरों को बैच बनाकर ट्रेनिंग दिया गया है। इससे ऑनलाइन सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और उनके निष्पादन में प्रगति आई हैै। अगले माह से राजस्व कर्मचारियों का भी बैच बनाकर प्रशिक्षण दिया जाएगा। एक बार में हरेक जिले से 4 राजस्व कर्मचारियों को बुलाकर सॉफ्टवेयर में आए परिवर्तनों की जानकारी दी जाएगी। विभाग के कॉल सेंटर को और प्रभावी बनाने के लिए आठ लोगों की प्रतिनियुक्ति की जाएगी। यह कॉल सेंटर सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक काम करेगा। इस काम के लिए 4-4 कर्मियों को दो पाली में लगाया जाएगा। विभाग ने यह निर्णय कॉल करनेवालों की भारी तादाद को देखते हुए लिया है। यह पाया गया है कि एक लैंडलाइन नंबर से सभी लोग अपनी जिज्ञासा या सवाल नहीं रख पा रहे हैं।