Voilent Protest: कानून का राज और अराजक तत्वों पर लगाम लगाने के तमाम दावों को एक बार फिर से फेल साबित करते हुए भाजपा शासित मणिपुर में प्रदर्शनकारियों ने तीन मंत्रियों और छह विधायकों के घरों पर हमला बोल दिया. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री के दामाद का घर भी हिंसक भीड़ ने जला दिया. पिछले कई महीनों से हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर में ताजा बिगड़े हालात के कारण कुछ लोगों के शव मिलना है. जिरीबाम जिले की एक नदी से 6 लापता व्यक्तियों के शवों के मिलने के कुछ घंटे बाद ही राज्य में हिंसा भड़क गई.
राज्य के कई हिस्सों में एक साथ भड़की हिंसा के बाद मणिपुर सरकार ने राज्य के पांच जिलों में कर्फ्यू लगा दिया है. वहीं कई जिलों में इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी गई है. जिन इलाकों में हिंसा की घटनाओं में बढ़ोत्तरी हुई है वहां बड़े स्तर पर अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है. मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह खुद पूरे राज्य की हिंसक स्थिति को लेकर अधिकारियों से रिपोर्ट ले रहे हैं. वहीं कुछ जगहों पर भीड़ को हटाने और हिंसा पर उतारू लोगों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग भी किया है.
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंहक के दामाद का घर भी प्रदर्शनकारियों ने निशाने पर लिया. उनके घर में आग लगाने के साथ ही तीन अन्य मत्रियों के घरों में तोड़फोड़ की गई है. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री सापम रंजन, खपत और सार्वजनिक वितरण मंत्री एल सुसींद्रो सिंह, और शहरी विकास मंत्री वाई खेमचंद का आवास भीड़ के गुस्से का शिकार हुआ. तीनों के घरों पर भीड़ ने जमकर पथराव किया और लूटपाट मचाने की भी खबर है.
राज्य सरकार ने इंफाल पूर्व और पश्चिम, बिष्णुपुर, थौबल और कचिंग जिलों में कर्फ्यू लागू कर दिया है. गौरतलब है कि मणिपुर में पिछले कई महीनों से मैतई और कूकी समुदाय के बीच हिंसा जारी है. इसमें कई लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं बड़े स्तर पर सार्वजनिक संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया गया है. वहीं सरकार की ओर से तमाम कोशिशों के बाद भी मणिपुर में हिंसा पर नियन्त्रण नहीं हो सका है.