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Tirhut Garduate MLC By Election Result 2024: के.के पाठक ने जिसे किया निलंबित, उसी वंशीधर बृजवासी ने जेडीयू के किला को किया ध्वस्त...लहराया जीत का परचम

Tirhut Garduate MLC By Election Result 2024: निर्दलीय प्रत्याशी वंशीधर बृजवासी की जीत तय है। वो करीब 10 हजार वोट से आगे चल रहे हैं। आइए जानते हैं कि वंशीधर ब्रजवासी कौन हैं?

Tirhut Graduate By Election Result
Vanshidhar Brajwasi - फोटो : Reporter

Tirhut Garduate MLC By Election Result 2024: कभी के.के पाठक से टक्कर लेने वाले शिक्षक वंशीधर बृजवासी आज जेडीयू के किला को ध्वस्त कर दिया है। दरअसल, बिहार  विधान परिषद की तिरहुत स्नातक एमएलसी चुनाव  की मतगणना जारी है। प्रथम वरीयता का मतगणना खत्म हो चुका है। प्रथम वरीयता का मतगणना खत्म होने के बाद एक निलंबित शिक्षक ने बाजी मार ली है। निलंबित शिक्षक नीतीश, तेजस्वी और प्रशांत किशोर को पछाड़ते हुए एमएलसी चुनाव को अपने नाम कर लिया है। वंशीधर ब्रजवासी करीब 10 हजार मतों से आगे चल रहे हैं। आइए जानते हैं कि आखिरी ये वंशीधर ब्रजवासी हैं कौन जिन्होंने सीएम नीतीश की पार्टी जदयू के किला को ध्वस्त कर दिया है। जदयू के गढ़ पर अब निर्दलीय प्रत्याशी का कब्जा है। 

के.के पाठक ने किया था निलंबित

बता दें कि तिरुहुत स्नातक एमएलसी चुनाव में मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा था। माना जा रहा था कि जदयू, राजद और जनसुराज के प्रत्याशी एक दूसरे को कड़ी टक्कर देंगे। कुछ राजनीतिक जानकारों का मानना था कि जदयू प्रत्याशी ही चुनाव में जीत दर्ज करेंगे। बीते दिन यानी 9 दिसंबर को वोटों की गिनती शुरु हुई। वोटों की गिनती शुरु होते ही चौंकाने वाले परिणाम सामने आने लगे। जदयू प्रत्य़ाशी अभिषेक झा पहले राउंड से ही टॉप-3 की रेस से बाहर रहे। वहीं निर्दलीय प्रत्याशी का जलवा पहले राउंड से ही बरकरार रहा। निर्दलीय प्रत्याशी वंशीधर ब्रजवासी के अलावा जनसुराज के प्रत्याशी विनायक गौतम भी दूसरे नंबर पर बने रहे वहीं तीसरे नंबर पर राजद प्रत्याशी गोपी किशन रहे।  

वंशीधर ब्रजवासी ने किया जदयू का किला ध्वस्त

निर्दलीय प्रत्याशी और शिक्षक नेता वंशीधर ब्रजवासी बिहार भर में तब चर्चा में आए जब उन्हें शिक्षा विभाग के तत्कालीन एसीएस के.के पाठक ने निलंबित कर दिया था। वंशीधर शिक्षक थे औऱ वो के.के पाठक से भिड़ गए थे। जिसके बाद उनपर कार्रवाई हुई और वो निलंबित हो गए। वहीं इसके बाद वंशीधर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर तिरुहुत स्नातक एमएलसी चुनाव में उतरे। अपनी उम्मीदवारी की घोषणा करते हुए वंशीधर ब्रजवासी ने शिक्षकों और स्नातकों के अधिकारों की लड़ाई को अपनी पहली प्राथमिकता बताया था। अपने चुनाव प्रचार के दौरान वंशीधर ब्रजवासी पटना में शिक्षकों पर लाठीचार्ज, पानी की बौछार और अन्य दमनात्मक कार्रवाईयों का लगातार जिक्र करते रहे। उन्हें इन सभी मुद्दों का फायदा भी मिला है और वो जीत के करीब हैं।

व्यक्तिगत जीत नहीं सभी की जीत है

उन्होंने खुद को सरकार के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए मजबूर बताया था। उन्होंने कहा था कि जब तक मैं चुनाव नहीं जीतूंगा, शिक्षकों और स्नातकों को उनका अधिकार नहीं मिलेगा। तब वंशीधर ने दावा किया कि उनके साथ 60 हजार से अधिक शिक्षक हैं। वंशीधर बृजवासी ने चुनाव जीतने पर शिक्षकों और स्नातकों के अधिकारों की रक्षा, सरकारी वादों को लागू करने और भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई केवल सत्ता पाने की नहीं, बल्कि एक नई व्यवस्था बनाने की है। लगातार मुकाबले में आगे चल रहे वंशीधर ब्रजवासी ने News4Nation से खास बीतचीत में कहा कि फिलहाल तो जीत का सर्टिफिकेट नहीं मिला है लेकिन अगर जीत होती है तो वो सभी की जीत होगी। हम कोई व्यक्तिगत चुनाव नहीं लड़ रहे थे। सभी मिलकर चुनाव लड़ रहे थे। 

जदयू का रहा है गढ़

तिरहुत स्नातक चुनाव में जदयू समर्थित देवेश चंद ठाकुर चुनाव जीतकर एमएलसी बने थे, लेकिन बाद में उन्होंने सीतामढ़ी संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीतने के बाद सांसद बन गए। जिसके कारण से यह सीट खाली हो गया था। उसके बाद तिरहुत स्नातक निर्वाचन का फिर से उपचुनाव हुआ है। तिरहुत उपचुनाव में कुल 18 प्रत्याशी मैदान में है, जिसमे एक प्रत्याशी का निधन हो चुका है। जिसमें एनडीए गठबंधन से जदयू के प्रवक्ता अभिषेक झा चुनावी मैदान में हैं तो महा गठबंधन से राजद समर्थित प्रत्याशी गोपी किशन चुनावी मैदान में हैं। 


17 प्रत्याशी मैदान में

वहीं जनसुराज उम्मीदवार के रूप में डॉक्टर विनायक गौतम चुनाव लड़े हैं। इसके अलावा निर्दलीय प्रत्याशी की बात करें तो शिक्षक नेता बंसीधर बृजवासी सहित कल 17 उम्मीदवार चुनावी मैदान में अपना भाग आजमा रहे हैं। तिरहुत प्रमंडल के 4 जिले मुजफ्फरपुर, शिवहर, सीतामढ़ी और वैशाली के स्नातक मतदाताओं ने मतदान किया है। 5 दिसंबर को शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर और वैशाली जिलों के 197 बूथों पर मतदान हुआ था। करीब 48 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। करीब 70 हजार से ज्यादा वोट पड़े हैं। 

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