करवा चौथ के दिन इस मुहूर्त में करें पूजा और सरगी, इन बातों का रखें ध्यान

करवा चौथ

करवा चौथ व्रत में बस 2 ही दिन बचे हैं। करवा चौथ हिंदू धर्म की सुहागिन महिलाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक होता है। ये पर्व कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन मनाया जाता है। इस साल करवा चौथ  21 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। इसमें सबसे सरगी का विशेष महत्व है। सास सरगी अपनी बहू को देती है। चलिए जानते हैं करवा चौथ पर सरगी खाने का शुभ मुहूर्त और इसका महत्व-


करवा व्रत की शुरुआत हमेशा सरगी खाने से होती है, जो सूर्योदय से करीब दो घंटे पहले खाई जाती है। इस दौरान करवा माता, भगवान गणेश और चंद्रमा की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। कई जगहों पर करवा चौथ व्रत की शुरुआत सरगी खाकर की जाती है। ये सरगी सास अपनी बहू को उपहार के रूप में देती है। सरगी में सूखे मेवे, फल, मिठाई, साड़ी, मेहंदी, बिंदी, बिछिया और शगुन के तौर पर अन्य श्रृंगार की चीजें रखी जाती हैं। सरगी सूर्योदय से 2 घंटे पूर्व खाई जाती। 


इस साल करवा चौथ पर भी भद्रा का साया रहेगा। करवा चौथ के दिन भद्रा सुबह 06:24 से 06:46 तक रहती है। करवा चौथ व्रत की शुरुआत  भद्रा काल शुरू होने से पूर्व ही हो जाएगी। ऐसे में व्रती सूर्योदय से पहले स्नान कर सरगी ग्रहण कर लें और व्रत का संकल्प ले लें। इस दिन सूर्योदय 6.30 मिनट पर होगा। वहीं, सरगी 4.30 बजे सुबह तक खा लें। करवा चौथ के दिन पूजा का शुभ समय 20 अक्तूबर 2024 को शाम 5:46 बजे से शुरू हो रहा है। यह शुभ मुहूर्त 19:02 तक रहेगी। 

Nsmch


अब जानते हैं इस दौरान सुहागिनों को किस प्रकार के कार्य करने से बचना चाहिए। करवा चौथ व्रत वाले दिन सुहागिनें अपने श्रृंगार में सफेद और काले रंग की वस्तु का प्रयोग न करें। सुहागिन महिलाएं यदि  करवा चौथ पर इन रंगों का उपयोग करती हैं तो उनके जीवन में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ सकता है। भद्रा काल के दौरान कोई संपत्ति या व्यापार की शुरुआत या निवेश न करें। करवा चौथ पर पूजा के बाद जब भी कोई श्रृंगार की वस्तु बच जाती हैं, तो उसे इधर उधर न फेंकें, बल्कि उसे किसी पवित्र नदी में प्रवाहित करें। इस दिन धारदार चीजों के इस्तेमाल से बचें। साथ ही किसी से कोई भी मनमुटाव न रखें और अपशब्द न कहें। व्रत पारण करने के बाद तामसिक भोजन ग्रहण न करें।