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13 हजार करोड़ की क्रिप्टो चोरी!इतिहास की सबसे बड़ी क्रिप्टो चोरियों में से एक का हुआ खुलासा, जानें किसने दिया इतने बड़े घटना को अंजाम

क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज बायबिट से 1.5 अरब डॉलर की चोरी हुई, इसे इतिहास की सबसे बड़ी क्रिप्टो चोरियों में से एक माना जा रहा है। उत्तर कोरिया के लाजरस ग्रुप पर शक जताया जा रहा है।

13 हजार करोड़ की क्रिप्टो चोरी!इतिहास की सबसे बड़ी क्रिप्टो चोरियों में से एक का हुआ खुलासा, जानें किसने दिया इतने बड़े घटना को अंजाम
cryptocurrency - फोटो : SOCIAL MEDIA

Bybit Crypto Stolen: क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में एक बार फिर से बड़ी चोरी का मामला सामने आया है। क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज बायबिट (Bybit) से 1.5 अरब डॉलर (करीब 13 हजार करोड़ रुपये) की डिजिटल करेंसी चोरी हो गई है। यह इतिहास की सबसे बड़ी क्रिप्टो चोरियों में से एक मानी जा रही है। इससे पहले भारतीय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वजीरएक्स (WazirX) पर भी बड़ा साइबर हमला हुआ था, जिसमें 2 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।

कैसे हुई चोरी?

बायबिट के सीईओ बेन झोउ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के माध्यम से इस चोरी की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एक हैकर ने बायबिट के एक ऑफलाइन इथेरियम (Ethereum) वॉलेट पर कब्जा कर लिया। इसके बाद कई ट्रांजेक्शनों के जरिए 1.5 अरब डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी चुरा ली गई।

बिटकॉइन के बाद इथेरियम दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी और महंगी क्रिप्टोकरेंसी है। हालांकि, बेन झोउ ने यह भी स्पष्ट किया कि बायबिट के अन्य हॉट वॉलेट, वार्म वॉलेट और ऑफलाइन वॉलेट पूरी तरह सुरक्षित हैं और ग्राहकों का पैसा सुरक्षित है।

बायबिट के दिवालिया होने का डर

इस बड़ी चोरी के बाद बायबिट के यूजर्स में डर फैल गया कि कंपनी कहीं दिवालिया न हो जाए। घबराए यूजर्स ने जल्दी-जल्दी अपना पैसा निकालना शुरू कर दिया। हालांकि, बेन झोउ ने आश्वासन दिया कि बायबिट दिवालिया नहीं होगा, भले ही चुराया गया पैसा वापस मिले या न मिले। उन्होंने कहा, "कस्टमर्स का पैसा पूरी तरह सुरक्षित है, और हम इस नुकसान की भरपाई कर सकते हैं।"

उत्तर कोरिया के हैकर्स पर शक

इस घटना के बाद साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने उत्तर कोरिया के कुख्यात लाजरस ग्रुप पर शक जताया है। CNBC की एक रिपोर्ट के अनुसार, Elliptic के विश्लेषकों ने इस हमले को उत्तर कोरिया के लाजरस ग्रुप से जोड़ा है। यह ग्रुप पहले भी क्रिप्टोकरेंसी उद्योग से अरबों डॉलर चुराने के लिए जाना जाता है।

भारतीय एक्सचेंज वजीरएक्स पर भी हुआ था हमला

यह पहली बार नहीं है जब क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में इतनी बड़ी चोरी हुई हो। पिछले साल भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज वजीरएक्स पर भी एक बड़ा साइबर हमला हुआ था, जिसमें 235 मिलियन डॉलर (करीब 2 हजार करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ था। उस हमले के पीछे भी उत्तर कोरिया के लाजरस ग्रुप का नाम सामने आया था। उस समय वजीरएक्स के को-फाउंडर निश्चल शेट्टी ने भी कहा था कि यह हमला लाजरस ग्रुप द्वारा किया गया हो सकता है।

क्रिप्टोकरेंसी चोरियों की बढ़ती घटनाएं

क्रिप्टोकरेंसी के तेजी से बढ़ते उपयोग के साथ-साथ साइबर अपराधियों द्वारा की जाने वाली चोरियों की घटनाएं भी बढ़ती जा रही हैं। बड़े एक्सचेंजों पर हुए ये हमले दिखाते हैं कि चाहे क्रिप्टोकरेंसी का मार्केट कितना भी सुरक्षित क्यों न हो, साइबर सुरक्षा में हमेशा सुधार की जरूरत होती है।

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