FASTag नहीं होगा बंद! 1 मई से टोल में नहीं आ रहा कोई बदलाव, सरकार ने बताया 'अफवाहों का टोल'

1 मई 2025 – तारीख नजदीक आते ही सोशल मीडिया और व्हाट्सएप यूनिवर्स में एक खलबली मच गई थी। तरह-तरह के मैसेज घूमने लगे थे – "अब FASTag खत्म!", "सैटेलाइट टोलिंग शुरू!", "अब गाड़ी में GPS से कटेगा पैसा!" लेकिन अब सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने इन खबरों को सिरे से खारिज करते हुए साफ कहा है – "FASTag कहीं नहीं जा रहा, यह अफवाह है, भरोसा न करें!"
क्या थी अफवाह?
बीते कुछ दिनों से यह दावा किया जा रहा था कि 1 मई 2025 से देशभर में FASTag सिस्टम को बंद कर दिया जाएगा और उसकी जगह पूरी तरह सैटेलाइट आधारित टोलिंग सिस्टम लागू किया जाएगा। यानी गाड़ियों के GPS के जरिए टोल कटेगा, और टोल प्लाजा पर रुकने की ज़रूरत नहीं होगी।
इस "ड्रामा" ने आम लोगों के बीच भ्रम और चिंता पैदा कर दी। सोशल मीडिया पर लोगों ने इसको लेकर सवाल पूछने शुरू कर दिए – "अब क्या करना होगा?", "GPS टोलिंग के लिए कौन-सा सिस्टम लेना पड़ेगा?", "FASTag में जो पैसा है उसका क्या होगा?"
सरकार की सफाई: निश्चिंत रहिए, FASTag यहीं है!
मंत्रालय ने शुक्रवार को बयान जारी कर साफ किया कि 1 मई से कोई बदलाव नहीं हो रहा है। FASTag देश में टोल वसूली का आधिकारिक और एकमात्र तरीका बना रहेगा। सरकार ने कहा है कि “1 मई 2025 से FASTag बंद करने की जो खबरें फैलाई जा रही हैं, वे पूरी तरह भ्रामक और झूठी हैं। फिलहाल टोल वसूली के लिए FASTag ही मान्य रहेगा।”
सैटेलाइट टोलिंग का क्या है सच?
हां, यह सही है कि केंद्र सरकार सैटेलाइट आधारित टोलिंग के विकल्प पर काम कर रही है, लेकिन यह अभी प्रयोग के स्तर पर है। इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं, और जब भी ऐसा कोई बड़ा बदलाव होगा, तो आधिकारिक घोषणा के साथ ही लागू किया जाएगा – न कि व्हाट्सएप फॉरवर्ड से। विशेषज्ञों के अनुसार, GPS आधारित टोलिंग सिस्टम में कई तकनीकी और कानूनी पेच हैं, जिन्हें हल करना अभी बाकी है। इस बदलाव में अभी वक्त लगेगा।