एमटीएनएल पर 8,300 करोड़ रुपये से अधिक बैंक लोन डिफॉल्ट का आरोप, एक्सचेंज फाइलिंग में हुआ खुलासा

पब्लिक सेक्टर की दूरसंचार कंपनी महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) ने शनिवार को एक बड़ी वित्तीय चूक का खुलासा किया है। एक्सचेंज फाइलिंग के जरिए कंपनी ने जानकारी दी है कि उसने कई बैंकों से लिए गए 8,300 करोड़ रुपये से अधिक के लोन का भुगतान नहीं किया है।
कंपनी के अनुसार, वह यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, यूको बैंक, तथा पंजाब एंड सिंध बैंक जैसे बैंकों के कंसोर्टियम के प्रति अपने वित्तीय दायित्वों को पूरा करने में विफल रही है।
कितने बैंक का कितना बकाया?
फाइलिंग के अनुसार, एमटीएनएल पर बकाया लोन का ब्योरा इस प्रकार है:
- यूनियन बैंक ऑफ इंडिया: ₹3,633.42 करोड़
- इंडियन ओवरसीज बैंक: ₹2,374.49 करोड़
- बैंक ऑफ इंडिया: ₹1,077.34 करोड़
- पंजाब नेशनल बैंक: ₹464.26 करोड़
- भारतीय स्टेट बैंक: ₹350.05 करोड़
- यूको बैंक: ₹266.30 करोड़
- अन्य बैंक (ब्याज समेत): ₹180.3 करोड़
यह लोन डिफॉल्ट अगस्त 2024 से फरवरी 2025 के बीच हुआ है।
कुल कर्ज 33,568 करोड़ रुपये तक पहुंचा
19 अप्रैल को की गई एक्सचेंज फाइलिंग में बताया गया कि कंपनी का कुल कर्ज 31 मार्च 2025 तक ₹33,568 करोड़ तक पहुंच गया है। इसमें ₹8,346 करोड़ का बैंक लोन, ₹24,071 करोड़ का सॉवरेन गारंटी (SG) बॉन्ड और SG बॉन्ड के ब्याज भुगतान के लिए दूरसंचार विभाग (DoT) से लिया गया ₹1,151 करोड़ का लोन शामिल है।
एमटीएनएल पिछले कई वर्षों से घाटे में चल रही है। सरकारी सहायता और पुनर्गठन योजनाओं के बावजूद कंपनी अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत करने में असफल रही है। इस खुलासे के बाद वित्तीय और दूरसंचार क्षेत्रों में हलचल तेज हो गई है, और अब निगाहें सरकार तथा दूरसंचार विभाग की आगामी प्रतिक्रिया पर टिकी हैं।