Private Sector Job: आखिर कौन सी है वो वजह जिसके चलते भारतीय कर्मचारियों ने बढ़ा रहा प्राइवेट सेक्टर में नौकरी छोड़ने का चलने, सर्वे में आया चौंकाने वाला खुलासा

रैंडस्टैड इंडिया के 'वर्कमॉनिटर 2025' सर्वे के मुताबिक, भारतीय कर्मचारी फ्लेक्सिबिलिटी और समावेशी वर्कप्लेस को प्राथमिकता दे रहे हैं। 52% कर्मचारी वर्कप्लेस पर फ्लेक्सिबिलिटी न मिलने पर नौकरी छोड़ने के लिए तैयार हैं।

Private Sector Job: आखिर कौन सी है वो वजह जिसके चलते भारतीय
Randstad India Survey- फोटो : social media

Indian Private Sector Job: रैंडस्टैड इंडिया के 'वर्कमॉनिटर 2025' सर्वे में भारतीय वर्कफोर्स की प्राथमिकताओं में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है। सर्वे के मुताबिक, 52% कर्मचारी उन नौकरियों को छोड़ने के लिए तैयार हैं, जो उन्हें वर्क प्लेस पर फ्लेक्सिबिलिटी नहीं देतीं। इसके अलावा, 60% कर्मचारियों ने कहा कि अगर उनके मैनेजर के साथ उनके संबंध अच्छे नहीं हैं, तो वे नौकरी छोड़ सकते हैं।

फ्लेक्सिबिलिटी अब बन गई बेसलाइन एक्सपेक्टेशन

सर्वे के अनुसार, पारंपरिक कारण जैसे सैलरी अब पीछे छूट रहे हैं। वर्क प्लेस फ्लेक्सिबिलिटी, सीखने और विकास के अवसर (L&D), और समावेशी संस्कृति जैसी चीजें अब कर्मचारियों के लिए अधिक महत्वपूर्ण हो गई हैं। रैंडस्टैड इंडिया के MD और CEO विश्वनाथ PS ने कहा, "फ्लेक्सिबिलिटी अब एक लाभ नहीं है, बल्कि सभी आयु वर्ग के कर्मचारियों की बेसलाइन एक्सपेक्टेशन बन गई है।"

कर्मचारियों की नई प्राथमिकताएं

इस सर्वे से यह भी पता चला कि कर्मचारी अब सिर्फ वेतन से ज्यादा अपने जीवन के लक्ष्यों और व्यक्तिगत मूल्यों के साथ मेल खाने वाले काम को महत्व दे रहे हैं। नौकरी की सुरक्षा, मानसिक स्वास्थ्य सहायता, और वर्क-लाइफ बैलेंस जैसे कारक अब अधिक मायने रखते हैं। वेतन अब महत्व के मामले में चौथे स्थान पर खिसक गया है।

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ऑफिस कल्चर और सीखने के अवसर

सर्वे में 69% भारतीय कर्मचारी वर्क प्लेस पर एक समावेशी संस्कृति को प्राथमिकता देते हैं, जबकि 67% कर्मचारियों ने कहा कि यदि उनकी नौकरी में सीखने और विकास के अवसर नहीं हैं, तो वे नौकरी छोड़ने को तैयार हैं। इसके साथ ही, 43% भारतीय कर्मचारियों ने AI ट्रेनिंग को सबसे महत्वपूर्ण L&D अवसर बताया, जो कि वैश्विक औसत से कहीं ज्यादा है।

फ्लेक्सिबल वर्किंग आवर्स की बढ़ती मांग

भारत में सभी पीढ़ियों के कर्मचारी फ्लेक्सिबल वर्किंग आवर्स की मांग कर रहे हैं। जेन जी (62%) और मिलेनियल्स (66%) के बीच यह मांग सबसे ज्यादा है। खासकर जेन जी के लिए डिजिटल-फर्स्ट जॉब मार्केट में लंबे कम्यूट और काम के दबाव के चलते वर्क-लाइफ बैलेंस बनाए रखना महत्वपूर्ण हो गया है।

वैल्यू अलाइनमेंट का महत्व

सर्वे के अनुसार, 70% कर्मचारी उस संगठन के लिए काम नहीं करना चाहते जो उनके सामाजिक और पर्यावरणीय मूल्यों के साथ मेल नहीं खाता। इसके अलावा, 58% कर्मचारियों ने टॉक्सिक वर्क एनवायरनमेंट के कारण नौकरी छोड़ी है, जबकि 53% ने व्यक्तिगत विचार साझा करने में असहज महसूस किया।

संगठनों के लिए चुनौती

विश्वनाथ PS ने कहा, "भारतीय वर्क प्लेस में पीढ़ीगत अंतर कम हो रहा है। फ्लेक्सिबिलिटी अब एक लाभ नहीं बल्कि सभी आयु वर्ग के कर्मचारियों की बेसलाइन एक्सपेक्टेशन बन गई है। संगठनों को इस बदलाव को समझना होगा और अपनी रणनीतियों को नए सिरे से ढालना होगा। अन्यथा, वे टॉप टैलेंट को खो देंगे।"

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