sridhar vembu zoho: जोहो कॉर्पोरेशन सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट की दुनिया में एक बड़ा नाम है, और इसके फाउंडर श्रीधर वेम्बू का सफर कई लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। श्रीधर वेम्बू ने न केवल एक सफल सॉफ्टवेयर कंपनी खड़ी की, बल्कि उन्होंने अपनी जड़ों से जुड़कर ग्रामीण भारत में विकास और सशक्तिकरण का एक नया रास्ता दिखाया है। उनके इन्हीं प्रयासों के लिए उन्हें भारत के 72वें गणतंत्र दिवस पर पद्म श्री से सम्मानित किया गया।
अमेरिका से गांव में वापसी: वेम्बू का अनोखा फैसला
जब अधिकतर लोग बेहतर अवसरों की तलाश में गांव से शहर या विदेशों की ओर रुख करते हैं, श्रीधर वेम्बू ने इसके विपरीत अमेरिका छोड़कर तमिलनाडु के एक छोटे से गांव मथालमपराई में बसने का फैसला किया। जहां से वह अपनी अरबों डॉलर की कंपनी जोहो का संचालन करते हैं। वेम्बू ने अपने मुख्यालय को चेन्नई में रखा, लेकिन तेनकासी के पास मथालमपराई में एक सैटेलाइट ऑफिस स्थापित किया। उनका उद्देश्य केवल कंपनी का विस्तार करना नहीं था, बल्कि ग्रामीण भारत को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना था।
तेनकासी में सैटेलाइट ऑफिस: एक अनोखी पहल
श्रीधर वेम्बू ने तेनकासी को अपने सैटेलाइट ऑफिस के लिए चुना, जो चेन्नई से लगभग 630 किलोमीटर दूर है। इस फैसले ने सभी को चौंका दिया था। वेम्बू ने बताया कि यह विचार तब आया जब उनकी कंपनी ने चेन्नई के बाहर से भी कर्मचारियों को काम पर रखना शुरू किया। उन्होंने शहरों की ओर पलायन को रोकने और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करने की पहल की।
तेनकासी में जोहो का प्रभाव
तेनकासी में श्रीधर वेम्बू ने एक पुरानी फैक्ट्री को खरीदकर उसे टेक कैंपस में बदल दिया। इसके साथ ही उन्होंने जोहो स्कूल ऑफ लर्निंग की भी शुरुआत की, जहां हाई स्कूल और डिप्लोमा छात्रों को स्किल्स की ट्रेनिंग दी जाती है। चेन्नई में अर्थशास्त्रियों के एक कंसल्टिंग ग्रुप की स्टडी के मुताबिक, तेनकासी में जोहो की मौजूदगी से कई सकारात्मक बदलाव हुए हैं। इसने रोजगार के अवसर बढ़ाए हैं, महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया है, और शिक्षा के स्तर में सुधार हुआ है।
ग्रामीण भारत में विकास और सशक्तिकरण की मिसाल
श्रीधर वेम्बू का यह कदम ग्रामीण भारत के विकास का एक अनोखा उदाहरण है। तेनकासी में जोहो की स्थापना के साथ उन्होंने दिखाया कि कैसे टेक्नोलॉजी और उद्यमिता को ग्रामीण क्षेत्रों में लाकर विकास और सशक्तिकरण के नए रास्ते खोले जा सकते हैं। यह पहल न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा दे रही है, बल्कि स्थानीय समुदायों को आत्मनिर्भर बना रही है।
श्रीधर वेम्बू का सफर
श्रीधर वेम्बू का सफर यह दर्शाता है कि अगर सही दृष्टिकोण और संकल्प हो, तो छोटे गांवों से भी वैश्विक स्तर की कंपनियों का संचालन किया जा सकता है। उन्होंने न केवल एक सफल सॉफ्टवेयर कंपनी खड़ी की, बल्कि ग्रामीण विकास और सशक्तिकरण का एक बेहतरीन उदाहरण भी पेश किया है। उनका यह सफर आज की पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।