DESK - छत्तीसगढ़ में झीरम घाटी गोली कांड सहित 100 से अधिक नक्सली वारदात को अंजाम दे चुकी कुख्यात महिला नक्सली कल्पना उर्फ सुजाता को आखिरकार गिरफ्तार करने में सफलता मिली है। सुजाता की गिरफ्तारी तेलंगाना पुलिस ने की है। नक्सलियों के बीच सुजाता का कितना दबदबा था, यह इससे ही समझा जा सकता है कि उसकी गिरफ्तारी पर एक करोड़ का इनाम घोषित किया गया था।
सुजाता की गिरफ्तारी पर पुलिस ने बताया कि उसने छत्तीसगढ़ के बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा जिलों में 100 से अधिक वारदातों को अंजाम दिया है। पुलिस ने बताया कि कल्पना उर्फ सुजाता पर आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में इनाम था। उससे पूछताछ में नक्सलियों से बड़ा इनपुट मिल सकता है। सुजाता ने खुंखार नक्सली हिडमा को भी ट्रेनिंग दी है। साथ ही कई महिला नक्सली संगठन तैयार किए हैं।
बस्तर के नक्सलियों में बड़ा नाम
सुजाता पिछले कुछ समय से तेलंगाना में रह रही थी। लेकिन छत्तीसगढ़ के बस्तर से उसका खास रिश्ता था। सुजाता नक्सली नेता कोटेश्वर राव उर्फ किशनजी की पत्नी है। वो किशनजी के साथ बंगाल से बस्तर आई थी। किशनजी को बंगाल का प्रभार दिए जाने के बाद वह कुछ समय तक बंगाल में ही रही। 2011 में किशनजी के मारे जाने के बाद वो बस्तर आ गई।
सुजाता को हार्डकोर नक्सली माना जाता है। आमतौर पर महिला नक्सली अपने पति की मौत के बाद संगठन छोड़ देती हैं, लेकिन सुजाता ने सरेंडर नहीं किया। वह दक्षिण बस्तर डिवीजनल प्रभारी सहित कई पदों पर रही है।
देवर-देवरानी भी नक्सली
उसका देवर सोनू सेंट्रल कमेटी का सदस्य है। सोनू की पत्नी भी नक्सली नेता है। सुजाता ने ही नक्सली कमांडर माड़वी हिडमा को तैयार किया था। संगठन में महिलाओं की भर्ती में उसकी अहम भूमिका रही है।
अंग्रेजी सहित आधा दर्जन भाषाओं पर सुजाता की पकड़
नक्सली संगठन में सुजाता के कई प्रचलित नाम हैं। उसे पद्मा, कल्पना, सुजाता, सुजातक्का, झांसीबाई कहा जाता है। बंगाल में उसे मैनीबाई के नाम से भी जाना जाता है। 12वीं तक पढ़ी सुजाता अंग्रेजी, हिंदी, बंगाली, ओडिया, तेलुगु के साथ-साथ गोंडी, हल्बी बोली भी जानती है।
17 साल में सुजाता ने इन नक्सली गतिविधियों को दिया अंजाम
9 जुलाई 2007 : एर्राबोर के उरपलमेटा में CRPF और जिला पुलिस के जवान सर्चिंग के बाद बेस कैंप लौट रहे थे। तभी नक्सलियों ने घात लगाकर हमला कर दिया। इसमें 23 जवान शहीद हो गए थे।
6 अप्रैल 2010 : बस्तर के ताड़मेटला में CRPF जवान सर्चिंग के लिए निकले थे। नक्सलियों ने बारुदी सुरंग विस्फोट कर दिया। इसमें 76 जवान शहीद हो गए थे।
17 मई 2010 : यात्री बस में सवार हो कर दंतेवाड़ा से सुकमा जा रहे जवानों पर दंतेवाड़ा के गादीरास के पास नक्सलियों ने बारूदी सुरंग लगा कर हमला किया था। इसमें 12 विशेष पुलिस अधिकारी समेत 36 लोग मारे गए थे।
25 मई 2013 : बस्तर के झीरम घाटी में हुए नक्सली हमले में आदिवासी नेता महेंद्र कर्मा, कांग्रेस पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष नंद कुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल समेत 32 लोग मारे गए थे।
24 अप्रैल 2017 : सुकमा जिले के चिंतागुफा के पास नक्सलियों ने घात लगाकर हमला किया। इसमें CRPF के 25 जवान शहीद हुए। हमले के दौरान जवान सड़क निर्माण में सुरक्षा के बीच खाना खा रहे थे।
21 मार्च 2020 : सुकमा जिले के चिंतागुफा इलाके में DRG और STF जवान सर्चिंग पर थे। कोरजागुड़ा पहाड़ी के पास छिपे नक्सलियों ने चारों ओर से जवानों पर फायरिंग कर दी। इसमें 17 जवान शहीद हो गए थे।
3 अप्रैल 2021 : बीजापुर जिले के टेकुलगुड़ेम में नक्सलियों ने घात लगाकर सुरक्षा बल की संयुक्त पार्टी पर हमला किया। इस हमले में 21 जवान शहीद हुए। एक जवान राकेश्वर मन्हास को नक्सलियों ने अगवा कर लिया था। उसे बाद में छोड़ दिया था।