Bhagalpur: न्यूज4नेशन की खबर का बड़ा असर हुआ है. खबर पर भागपुर डीएम नवल किशोर चौधरी ने संज्ञान लिया है. अवैध रूप से संचालित क्लिनिक, हॉस्पिटल, पैथोलॉजिकल लैब, एक्स-रे व अल्ट्रासाउंड केंद्रों की अब जांच की जायेगी. इसके लिए डीएम ने जिले के सिविल सर्जन को निर्देश दिया है. जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन को निर्देश दिया है कि जिला में जितने भी अवैध हॉस्पिटल,क्लिनिक, अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे, पैथोलॉजी चल रहे हैं. उनकी जांच करके उसपर कार्रवाई सुनिश्चित करें. जिससे आम लोगों का सही उपचार हो सके.
सिविल सर्जन ने नारायणपुर के 6 क्लीनिक,6 पैथोलॉजी,तीन एक्सरे, पाँच अल्ट्रासाउंडसेंटर से वैधता का प्रमाण पत्र देने का निर्देश दिया है. बता दें नारायणपुर प्रखंड क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग के नियम को ताख पर रखकर खुलेआम अवैध क्लिनिक, पैथोलॉजी, एक्सरे और अल्ट्रासाउंड जांच केंद्र संचालित हो रहे है. इस मामले में 2 वर्ष पूर्व दो अवैध क्लीनिक संचालक जेल भी जा चुका है.जिसका मुकदमा न्यायालय में चल रहा है. जेल से बाहर आने के बाद भी कानून को ताक पर रक कर वह फिर क्लीनिक चला रहा है.
पीएचसी प्रभारी डॉक्टर विनोद कुमार के जांच रिपोर्ट के अनुसार प्रखंड क्षेत्र में 6 क्लीनिक, छः पैथोलॉजी, तीन एक्सरे,पांच अल्ट्रासाउंड जाँच केंद्र संचालित है . विनोद कुमार के जांच रिपोर्ट पर सिविल सर्जन डॉक्टर अशोक प्रसाद ने छः संचालक से वैधता का प्रमाण पत्र मांग लिया है. जिसमें सिटी प्रीति अल्ट्रासाउंड मधुरापुर के संचालक मनीष कुमार, न्यू हेल्थ केयर महर्षि मेंही नर्सिंग होम मधुरापुर के संचालक रणबिजय कुमार,संजीवनी नर्सिंग होम के संचालक राजा कुमार, मां गायत्री डिजिटल एक्सरे के संचालक रविन कुमार ठाकुर और आस्था पैथोलॉजी के संचालक मु गुलफान अली, नेशनल पैथोलॉजी के संचालक मु फिरोज खान के नाम पत्र में शामिल है.
पत्र प्राप्ति के तीन दिनों के अंदर सिविल सर्जन कार्यालय में वैधता का प्रमाण पत्र जमा करना होगा. जमा नहीं करने पर पचास हजार रूपये का जुर्माना राशि जमा करना होगा. ऐसा नहीं करने इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है.
रिपोर्ट- बालमुकुंद शर्मा