digital arrest scam -भाजपा सांसद की पत्नी हुई डिजिटल अरेस्ट, साइबर ठगों ने हड़प लिए इतने लाख रुपए, पुलिस ने की रिकवरी
digital arrest scam - भाजपा सांसद की पत्नी हाल ही में एक बड़े साइबर धोखाधड़ी का शिकार हुईं। धोखेबाजों ने उन्हें 'डिजिटल अरेस्ट' की धमकी देकर उनके खाते से लाखों रुपये निकाल लिए

N4N Desk - कर्नाटक के बेंगलुरु स्थित चिक्काबल्लापुर संसदीय क्षेत्र से भाजपा सांसद के. सुधाकर की पत्नी, प्रीति सुधाकर, हाल ही में एक बड़े साइबर धोखाधड़ी का शिकार हुईं। धोखेबाजों ने उन्हें 'डिजिटल अरेस्ट' की धमकी देकर उनके खाते से 14 लाख रुपये निकाल लिए। हालांकि, बेंगलुरु पुलिस की त्वरित कार्रवाई से उन्हें यह राशि वापस मिल गई है।
'डिजिटल अरेस्ट' क्या है?
पुलिस के अनुसार, यह घटना 26 अगस्त को हुई थी। 'डिजिटल अरेस्ट' एक नई तरह की साइबर धोखाधड़ी है। इसमें जालसाज खुद को पुलिस या किसी सरकारी एजेंसी का अधिकारी बताते हैं। वे व्हाट्सएप वीडियो कॉल के माध्यम से पीड़ितों को धमकाते हैं और दावा करते हैं कि वे किसी आपराधिक मामले में फंस गए हैं। इस मामले में, धोखेबाजों ने प्रीति को मुंबई साइबर क्राइम पुलिस अधिकारी बनकर फोन किया।
धोखाधड़ी की पूरी कहानी
धोखेबाजों ने प्रीति को बताया कि उनके बैंक खाते से अवैध रूप से पैसों का ट्रांसफर हुआ है। उन्होंने उन्हें यह कहकर धमकाया कि अगर उन्होंने उनके बताए खाते में पैसे ट्रांसफर नहीं किए, तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि वे यह पैसा आरबीआई को सत्यापन के लिए भेज रहे हैं और 45 मिनट के भीतर इसे वापस उनके खाते में ट्रांसफर कर देंगे। इस धमकी से डरकर, प्रीति ने अपने एचडीएफसी बैंक खाते से कुल 14 लाख रुपये एक अज्ञात यस बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
धोखाधड़ी का एहसास होने पर, प्रीति ने तुरंत राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने इस 'गोल्डन ऑवर' (शिकायत का शुरुआती समय) का फायदा उठाते हुए तुरंत कार्रवाई की। शिकायत मिलने के बाद, पुलिस ने आरोपी के खाते में ट्रांसफर की गई पूरी राशि को फ्रीज करवा दिया। इसके बाद, 3 सितंबर को 47वें एसीजेएम कोर्ट ने यस बैंक के अधिकारियों को फ्रीज की गई राशि को प्रीति के खाते में वापस ट्रांसफर करने का आदेश दिया।