Bihar Crime: चेहरे का खेल और सिम का जाल, 6800 बार हुलिया बदलकर साइबर ठगी करने वाला गिरफ़्तार
Bihar Crime:साइबर अपराधियों ने चेहरे की अदला-बदली को अपना सबसे बड़ा हथियार बना लिया।एक शातिर ठग 6800 बार अपने चेहरे का नक़ाब बदलकर सिम कार्ड हासिल करता रहा।

Bihar Crime:अपराध की दुनिया में धोखाधड़ी की नई इबारत लिखी गई है। साइबर अपराधियों ने चेहरे की अदला-बदली को अपना सबसे बड़ा हथियार बना लिया। नालंदा का एक शातिर ठग 6800 बार अपने चेहरे का नक़ाब बदलकर सिम कार्ड हासिल करता रहा। कभी बाल लंबे रखे, कभी छोटे कर लिए। कभी बनियान पहनकर तस्वीर खिंचवाई, तो कभी शर्ट में स्मार्ट नज़र आया। यहां तक कि घूंघट में बिंदी लगाकर भी उसने सिम खरीद डाली।
इस अपराधी की करतूत को दूरसंचार विभाग के STRA टूल (सिक्योर टेलीकॉम आइडेंटिटी एनालिसिस) के आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस ने बेनक़ाब किया। अगस्त में चलाए गए अभियान में एआई ने न सिर्फ़ इस गिरोह का पर्दाफ़ाश किया बल्कि सौ से ज़्यादा साइबर ठगों को दबोच लिया। सभी फर्जी सिम कार्ड तत्काल प्रभाव से ब्लॉक कर दिए गए हैं।
विभागीय सूत्रों की मानें तो यह देश का सबसे संगीन केस है। आरोपी ने न तो नाम बदला, न ही लिंग—सिर्फ़ चेहरे की शक्ल बदल-बदलकर सिम कार्ड हासिल करता रहा। इस हाईटेक ठगी का इस्तेमाल ऑनलाइन फ्रॉड, फ़िशिंग कॉल्स और डिजिटल ठगी में किया जाता था।
जाँच रिपोर्ट में सामने आया कि नालंदा वाले आरोपी से अलग एक और साइबर ठग ने चेहरा और नाम बदलकर 76 सिम कार्ड खरीदे। उसने महिला और पुरुष, दोनों नामों का इस्तेमाल किया। वहीं एक अन्य जालसाज़ ने 29 बार नाम और लिंग बदलकर 52 सिम लिए। एक सनसनीख़ेज मामले में एक शख्स ने 100 नामों पर 213 सिम कार्ड ले डाले।
क़ानून साफ़ कहता है एक व्यक्ति अपने नाम पर अधिकतम नौ सिम ही रख सकता है। मगर इन ठगों ने तकनीक और दस्तावेज़ी जालसाज़ी का सहारा लेकर सिस्टम की धज्जियाँ उड़ा दीं।
चेहरा बदलने वालों की पहचान विभाग का ‘परम सिद्धि’ सुपर कंप्यूटर कर रहा है। STRA टूल का कन्वोल्यूशनल न्यूरल नेटवर्क चेहरे को कई परतों में स्कैन करता है आंख, नाक, किनारे, बनावट और रंग की बारीकियों तक। नकली या डुप्लीकेट चेहरे तुरंत पकड़ लिए जाते हैं।दूरसंचार विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि “चेहरा बदलकर सिम लेने वालों पर सख़्त कार्रवाई की जा रही है। यह न सिर्फ़ दूरसंचार कानून का उल्लंघन है बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी बड़ा ख़तरा है।”नालंदा का यह मामला फिलहाल साइबर अपराध की दुनिया का सबसे बड़ा चेहरा बनकर सामने आया है। सवाल यह है कि जब ठग चेहरे का नक़ाब लगाकर सिस्टम को ठग सकते हैं, तो देश की सुरक्षा कितनी महफ़ूज़ है?