Bihar News: बाप रे ! धन कुबेर निकला बिजली विभाग का इंजीनियर, बिहार से लेकर यूपी तक अकूत सम्पत्ति, हैरान रह गयी ईओयू की टीम
ईओयू की कार्रवाई के दौरान यूपी के गोरखपुर और वाराणसी में जमीन निवेश की जानकारी मिली, जबकि समस्तीपुर के शॉपिंग मॉल और दानापुर के फ्लैट में संपत्ति संबंधित दस्तावेज बरामद हुए।..

Bihar News: आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने विद्युत अधीक्षण अभियंता विवेकानंद के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में एक साथ छह ठिकानों पर छापेमारी की। कार्रवाई के दौरान यूपी के गोरखपुर और वाराणसी में उनके जमीन निवेश की जानकारी मिली, जबकि समस्तीपुर के शॉपिंग मॉल और दानापुर के फ्लैट में संपत्ति संबंधित दस्तावेज बरामद हुए।
ईओयू की टीम ने समस्तीपुर कार्यालय, आवास, दानापुर का फ्लैट और सीवान में पैतृक आवास सहित कुल तीन प्रमुख ठिकानों को खंगाला। दानापुर के फ्लैट से जमीन के कागजात, बीमा रसीदें, डेबिट–क्रेडिट कार्ड, वाहन दस्तावेज और अन्य महत्वपूर्ण कागजात बरामद हुए। सीवान स्थित एसबीआई में उनकी पत्नी बॉबी के नाम पर लॉकर की सूचना मिली है, जिसे तलाशी के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
ईओयू ने बताया कि प्रारंभिक जांच में विवेकानंद के पास वैध आय से 77.84 फीसदी अधिक संपत्ति होने का संकेत मिला। ज्ञात स्रोतों के अनुसार उनके पास 2.74 करोड़ रुपये की आय के मुकाबले 4.87 करोड़ रुपये से अधिक परिसंपत्तियां पाई गई हैं। दस्तावेजों के गहन विश्लेषण के बाद संपत्ति में और बढ़ोतरी का खुलासा होने की संभावना है।
जांच में यह भी सामने आया कि विवेकानंद ने एचडीएफसी बैंक में मेसर्स आया इंटर प्राइजेज और मेसर्स ग्रेस इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवेलपर्स के नाम पर बैंक खाता खोला, जिसमें उनकी पत्नी बॉबी का पैन कार्ड नंबर जुड़ा हुआ है। इसके अतिरिक्त ललन सिंह और विसर्जन सिंह के नाम से खुले दो खातों में भी उनका मोबाइल नंबर और ई–मेल आईडी दर्ज था। इन खातों में पदस्थापना स्थल से बड़ी राशि नगद और यूपीआई के माध्यम से जमा की गई, जिसे बाद में स्वयं या पत्नी के खाते में ट्रांसफर किया गया।
विवेकानंद मूलतः सीवान के रघुनाथपुर थाना अंतर्गत संठी गांव के निवासी हैं। उन्होंने वर्ष 2009 में सहायक विद्युत अभियंता के रूप में सेवा प्रारंभ की और इसके बाद सहरसा, दलसिंगसराय, हाजीपुर, मोतिहारी, पूर्णिया, छपरा, रोहतास और पटना में भी पदस्थापित रहे।
ईओयू के इस अभियान ने स्पष्ट किया है कि सरकारी पद का दुरुपयोग कर संपत्ति अर्जित करना अब भी बिहार में बड़े पैमाने पर जारी है। जांच में अभी और आर्थिक अनियमितताओं और अघोषित परिसंपत्तियों का खुलासा होने की संभावना है, जिससे इस मामले में आने वाले दिनों में और सनसनीखेज खुलासे सामने आ सकते हैं।