बिहार के युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी है, खासकर उन लोगों के लिए जो स्वरोजगार शुरू करने का सपना देख रहे हैं। राज्य सरकार की ओर से युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए नौ अक्टूबर को सभी जिलों में लोन वितरण शिविर का आयोजन किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य युवाओं को आर्थिक सहायता प्रदान कर उनके व्यवसायिक सपनों को साकार करना है। उद्योग विभाग को इस पूरे कार्यक्रम का नोडल विभाग नियुक्त किया गया है, जो इस आयोजन को सफल बनाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
तीन महत्वपूर्ण तिथियों पर लगेंगे लोन कैंप
सरकार की योजना के अनुसार, सिर्फ नौ अक्टूबर को ही नहीं, बल्कि पांच नवंबर और तीन दिसंबर को भी इसी प्रकार के लोन वितरण शिविर लगाए जाएंगे। इन शिविरों के माध्यम से युवाओं को विभिन्न स्वरोजगार योजनाओं के तहत ऋण और अनुदान प्राप्त होगा, जिससे वे अपने छोटे-बड़े व्यवसाय शुरू कर सकेंगे।
इन योजनाओं के तहत मिलेगा लोन
इन शिविरों में तीन मुख्य योजनाओं के तहत युवाओं को आर्थिक मदद दी जाएगी:
- पीएमइजीपी (प्राइम मिनिस्टर इम्पलॉयमेंट जनरेशन प्रोग्राम) – यह योजना रोजगार सृजन के उद्देश्य से स्वरोजगार शुरू करने वालों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
- पीएमएफएमइ (प्राइम मिनिस्टर फार्मलाइजेशन ऑफ माइक्रोफूड प्रोसेसिंग इंटरप्राइजेज) – इस योजना के तहत माइक्रोफूड प्रोसेसिंग यूनिट्स को वित्तीय सहयोग दिया जाता है।
- पीएम विश्वकर्मा योजना – यह योजना विशेष रूप से कारीगरों और शिल्पकारों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है, ताकि वे अपने हुनर को आर्थिक रूप से मजबूत कर सकें।
निदेशक ने दिए दिशा-निर्देश
उद्योग विभाग के निदेशक आलोक रंजन घोष ने सभी जिला पदाधिकारी, महाप्रबंधक और संबंधित बैंक अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इन शिविरों में अधिक से अधिक लोगों को स्वरोजगार के लिए ऋण दिलाने का प्रयास किया जाए। इसके साथ ही, लोन वितरण का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है, ताकि युवाओं को लाभ पहुंचाया जा सके।
राष्ट्रीय स्तर पर बिहार की सफलता
पीएमइजीपी और पीएमएफएमइ योजनाओं में बिहार ने पिछले दो वर्षों में राष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन किया है। इन योजनाओं की मदद से राज्य में रोजगार सृजन में बड़ा योगदान रहा है। उद्योग विभाग अब चाहता है कि इन योजनाओं को और भी अधिक प्रचारित कर अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिले।