Bihar Weather : बिहार में मौसम ने अचानक करवट ले लिया है. पटना सहित राज्य के करीब एक दर्जन जिलों में अगले तीन दिनों तक भारी बारिश का कहर बरपने की संभावना है. इस बीच गंगा की बाढ़ से प्रभावित जिलों के लिए गुरुवार को राहत भरी खबर आई. बंगाल की खाड़ी में सक्रिय चक्रवात ने बिहार में अपना असर दिखाना शुरु कर दिया है. मौसम विभाग के अनुसार राज्य के किशनगंज, अररिया और पूर्णिया जिले के कई स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है. 26 सितंबर को किशनगंज, अररिया, सुपौल, बांका, जमुई, नवादा जिले में भारी बारिश हो सकती है .
वहीं इन जिलों के अलावा मुंगेर, सीतामढ़ी, शिवहर, नवादा, लखीसराय, जमुई, दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, अररिया, पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार में बज्रपात के साथ मूसलाधार बारिश हो सकती है. छपरा, बक्सर, आरा वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, मूंगेर, खगड़िया, भागलपुर और कटिहार में नदियां उफान पर हैं. यहां बाढ़ के हालात हैं.ऐसे में बारिश से स्थिति बिगड़ने का अनुमान है. पटना, बेगूसराय, भागलपुर, मुंगेर, कटिहार में गंगा उफान पर हैं. लोग जैसे तैसे गुजारा कर रहे हैं. ऐसे में झमाझाम बारिश से बाढ़ पीडितों की परेशानी बढ़ेगी.
इस बीच गंगा की बाढ़ को लेकर राहत भरी खबर है. पटना में गंगा नदी खतरे के निशान से नीचे आ गई है. वहीं शेष जिलों में भी तेजी से गंगा का पानी खतरे के निशान के नीचे आ रहा है. हालांकि इसके बाद भी उफनती गंगा से पटना से भागलपुर तक दियारा और निचले इलाके में बाढ़ का कहर अभी भी लोगों को परेशान किए है.
गंगा नदी का जलस्तर गुरुवार सुबह 8 बजे पटना के दीघाघाट पर 49.83 मीटर रिकॉर्ड किया गया जबकि एक दिन पहले बुधवार को यहां जलस्तर 50.11 मीटर रिकॉर्ड किया गया था. यहां खतरे का लेवल 50.45 मीटर है. वहीं गांधी घाट पर खतरे का स्तर 48.60 मीटर है लेकिन यहां गंगा बुधवासर को 48.87 मीटर के जलस्तर पर बह रही थी जबकि गुरुवार को 48.53 मीटर पर गंगा बह रही है. हथिदह में गंगा के खतरे का स्तर 41.76 मीटर है जबकि यहां बुधवार को जलस्तर 42.62 मीटर रिकॉर्ड किया गया था जो गुरुवार को घटकर 42.24 मीटर पर आया गया.