दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ने कैंसर के इलाज में एक बड़ी सफलता हासिल की है। लिम्फोमा कैंसर से पीड़ित 48 वर्षीय महिला पर टी-सेल थेरेपी सफलतापूर्वक लागू की गई है। यह थेरेपी इम्यूनोथेरेपी का एक उन्नत रूप है, जो कैंसर से लड़ने में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्षम बनाती है। इसके साथ ही सफदरजंग अस्पताल उत्तर भारत का तीसरा ऐसा अस्पताल बन गया है, जहां यह उन्नत तकनीक सफलतापूर्वक लागू की गई।
क्या है टी-सेल थेरेपी?
टी-सेल थेरेपी, जिसे CAR-T (काइमेरिक एंटीजन रिसेप्टर टी-सेल) थेरेपी के नाम से भी जाना जाता है, कैंसर के इलाज के लिए एक विशेष इम्यूनोथेरेपी है। इसमें मरीज के शरीर से इम्यून सेल्स (टी-सेल्स) को निकाला जाता है और इन्हें लैब में जेनेटिकली मोडिफाइ किया जाता है। इस प्रक्रिया में, इन सेल्स को कैंसर पैदा करने वाली सेल्स से लड़ने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। बाद में, इन्हें वापस मरीज के शरीर में डाला जाता है।
इलाज की प्रक्रिया
सफदरजंग अस्पताल के ऑन्कोलॉजी डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष डॉ. कौशल कालरा के नेतृत्व में डॉक्टरों की एक टीम ने इस इलाज को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। पहले मरीज के इम्यून सेल्स को निकाला गया और इन्हें लैब में जेनेटिक रूप से संशोधित किया गया। इस प्रक्रिया के तहत, इन टी-सेल्स को कैंसर सेल्स को पहचानने और नष्ट करने के लिए सक्षम बनाया गया। लाखों की संख्या में तैयार इन सेल्स को मरीज के शरीर में डाला गया, जिससे सकारात्मक परिणाम देखे गए।
लिम्फोमा कैंसर और मरीज की स्थिति
लिम्फोमा कैंसर मरीज में गले, पेट और शरीर के अन्य हिस्सों में गांठें बनने लगी थीं। पारंपरिक उपचार से कोई सुधार नहीं हो रहा था। ऐसे में टी-सेल थेरेपी ने मरीज के लिए नई उम्मीद जगाई। डॉक्टरों के मुताबिक, मरीज को पूरी तरह ठीक होने में समय लगेगा, लेकिन थेरेपी के बाद मरीज के स्वास्थ्य में उल्लेखनीय सुधार देखा गया है।
भारत में टी-सेल थेरेपी का भविष्य
भारत में टी-सेल थेरेपी अभी अपने शुरुआती चरण में है, लेकिन यह तकनीक कैंसर के इलाज में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। पीजीआई चंडीगढ़ और एम्स दिल्ली के बाद सफदरजंग अस्पताल में इस थेरेपी की सफलता ने इसकी संभावनाओं को और मजबूत किया है।
कैंसर उपचार में एक नई उम्मीद
टी-सेल थेरेपी ने यह साबित कर दिया है कि सही तकनीक और समर्पण के साथ कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को हराया जा सकता है। यह थेरेपी उन मरीजों के लिए एक नई उम्मीद है, जिन पर पारंपरिक उपचार काम नहीं करते।
निष्कर्ष
सफदरजंग अस्पताल में टी-सेल थेरेपी की सफलता भारत में कैंसर उपचार के लिए एक मील का पत्थर है। यह तकनीक न केवल मरीजों को नई जिंदगी दे रही है, बल्कि कैंसर के इलाज में देश को एक नई दिशा भी दिखा रही है।