पटना... बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार रोजगार के मुद्दा सबसे अधिक छाया रहा। सभी पार्टियों ने जनता के बीच जाकर बेरोजगारी दूर करने की बात कही। अब एनडीए की नई सरकार में इसे जमीन पर लाने के लिए मुख्यमंत्री समेत अन्य मंत्री भी जुट गए हैं। एनडीए ने 19 लाख रोजगार देने की बात कही थी, अब इसके लिए रोड मैप तैयार किया जा रहा है। श्रम संसाधन विभाग की ओर से राेडमैप तैयार करने की पहल भी शुरू कर दी गई है।
इसके लिए संबंधित सभी विभाग खाका तैयार करने में जुट गए हैं। विभिन्न विभागाें में रिक्त पदाें पर बहाली की प्रक्रिया भी शुरू हाे गई है। इसके अलावा मार्च तक असंगठित क्षेत्र के 11 लाख और दैनिक मजदूराें काे निबंधित करते हुए श्रम कानून के तहत उन्हें सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। शनिवार काे पूर्व मंत्री अजीत कुमार के आवास पर चर्चा करते हुए सूबे के श्रम संसाधन एवं पर्यटन तथा खनन मंत्री जीवेश मिश्रा ने उक्त जानकारी दी। उन्हाेंने कहा कि सरकार राेजी-राेटी के लिए पलायन राेकने व आत्मनिर्भर बिहार बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
मार्च तक 30 लाख मजदूरों का होगा निबंधन
फिलहाल, राज्य में असंगठित क्षेत्र के 19 लाख श्रमिक निबंधित हैं। मार्च तक विभाग ने 30 लाख दैनिक मजदूराें काे निबंधित करने का लक्ष्य रखा है। निबंधन के लिए पंचायत स्तर पर कैंप लगाए जाएंगे। मजदूराें काे श्रम आयुक्त के नाम से एक आवेदन देना हाेता है। निर्माण से संबंधित व मनरेगा मजदूराें काे 50 रुपए में 5 साल के लिए निबंधित किया जाता है।
इसके बाद विभाग की ओर से 14 तरह की आर्थिक सुविधाएं दी जाती हैं। निबंधित मजदूरों की माैत पर 4 लाख रुपए अतिरिक्त मुआवजे का प्रावधान है। वहीं, मेडिकल सुविधा के लिए हर वर्ष 3 हजार, मकान मरम्मत के लिए 20 हजार, दाे बेटियाें की शादी के लिए 50-50 हजार रुपए दिए जाते हैं।