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अच्छा शिक्षक बनाने के मानकों पर खरे नहीं उतरे बिहार के 337 प्राइवेट बीएड कॉलेज, जरुरी संसाधन भी उपलब्ध नहीं

अच्छा शिक्षक बनाने के मानकों पर खरे नहीं उतरे बिहार के 337 प्राइवेट बीएड कॉलेज, जरुरी संसाधन भी उपलब्ध नहीं

PATNA : एक तरफ बिहार में हर साल बड़ी संख्या में युवा बीएड कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ जिन संस्थानों से उन्हें बीएड की डिग्री मिल रही है। वह इस योग्य भी नहीं है कि वहां बीएड की पढ़ाई हो सके। हाल में ही ऐसी ही एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसके अनुसार बिहार के सभी 337 प्राइवेट बीएड कॉलेज इस पाठ्यक्रम को चलाने के लिए अयोग्य बताए गए हैं। साथ ही इन कॉलेज में बीएड की पढ़ाई के लिए जरुरी संसाधन भी उपलब्ध नहीं है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने जो मानक को लागू किया है, उस पर राज्य के तमाम बीएड संस्थान पीछे हैं। बता दें कि इन संस्थानों में बीएड की 37,450 सीटें हैं।

बीएड के नए पाठ्यक्रम के लिए नहीं मिले कोई आवेदन

बता दें कि अगले शैक्षणिक सत्र 2025-29 से चार वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम शुरू हो जाएगा। जिसके लिए इस साल 27 अप्रैल को ही एनसीटीई ने नये बीएड पाठ्यक्रम को चलाने के लिए संस्थानों से आवेदन मांगे थे, लेकिन हैरानी की बात यह है कि संसाधन नहीं होने के कारण 337 में से किसी भी कॉलेज ने नहीं आवेदन किया। 

एनसीटीई ने जांच कराने का दिया निर्देश

इसे गंभीरता से लेते हुए एनसीटीई ने सभी बीएड कालेजों के संसाधनों की जांच करने का निर्देश दिया है। एनसीटीई की टीम जांच में यह देखेगी कि चार वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम चलाने के लिए जो मानक लागू किए जा रहे हैं उसकी कसौटी पर प्रदेश के बीएड संस्थान कितने खरे उतरते हैं?

राज्यपाल नए पाठ्यक्रम को लेकर हैं गंभीर

राजभवन सचिवालय के एक अधिकारी ने बताया कि राज्यपाल एवं कुलाधिपति राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कुलपतियों की बैठक में भी एनसीटीई के मानकों को बीएड पाठ्यक्रम में शत-प्रतिशत लागू करने का निर्देश कुलपतियों को दिया है।

इस साल के बाद खत्म हो जाएगी मान्यता

दरअसल, एनसीटीई ने नये पाठ्यक्रम को चलाने के लिए बीएड संस्थानों की मान्यता सूची भी जारी की है, उसमें कालेजों को नैक में ए-प्लस रैंकिंग, एनआइआरएफ रैंकिंग और कालेज में सेंटर फार एक्सीलेंस होना अनिवार्य किया है। ऐसे में बिना मानक के नये पाठ्यक्रम को चलाना संस्थानों के लिए मुश्किल है। नये सत्र से उन संस्थानों की मान्यता रद्द होगी।

ये हैं तय नये मानक

एनसीटीई ने जो मानक तय किया है, उसके अनुसार चार स्तरीय बीएड पाठ्यक्रम में अलग-अलग कक्षा के लिए अलग पढ़ाई होगी। शिक्षकों की योग्यता एमएड व पीएचडी होनी चाहिए।

अब तक बीएड में सभी कक्षाओं के लिए एक पाठ्यक्रम होता था। चार स्तरीय बीएड में फाउंडेशन, प्राइमरी, मिडिल और हायर चार स्तर में पाठ्यक्रम होगा।

इसके साथ नये सत्र से दो वर्षीय बीएड का पाठ्यक्रम बंद हो जाएगा। अभी पायलट प्रोजेक्ट के तहत चार वर्षीय बीएड केंद्रीय विश्वविद्यलायों और दूसरे केंद्रीय शिक्षण संस्थानों में चल रहा है।

छह सरकारी बीएड कालेजों में मानक होगा पूरा

एनसीटीई के निर्देश के आलोक में शिक्षा विभाग द्वारा सभी छह सरकारी बीएड कॉलेजों को मानक के मुताबिक संसाधनों से युक्त करने की कार्य योजना बनायी गयी है। इसके आलोक में सरकारी बीएड कालेजों में जो कमियां हैं, उसे दिसंबर तक दूर करने का निर्देश संबंधित प्राचार्यों को दिया गया है।


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