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परिवहन विभाग के कर्मियों की लापरवाही के कारण सरकार को 492 करोड़ का नुकसान, विभाग में काम की खुल गई पोल

परिवहन विभाग के कर्मियों की लापरवाही के कारण सरकार को 492 करोड़ का नुकसान, विभाग में काम की खुल गई पोल

PATNA : बिहार में परिवहन विभाग ऐसा विभाग है, जहां से सरकार को बड़ा राजस्व प्राप्त होता है। लेकिन, इस राजस्व पर परिवहन विभाग के लापरवाही कर्मचारी ही बट्टा लगा रहे हैं।  पिछले पांच साल में बिहार में परिवहन पदाधिकारियों की लापरवाही के कारण सरकार को एक दो करोड़ नहीं, बल्कि 492 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचा है। इस बात का खुलासा  भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक की रिपोर्ट से हुआ है, जिसे कल बिहार विधानसभा में पेश किया गया है। 

रिपोर्ट में सरकार को हुए नुकसान के लिए सीधे सीधे परिवहन विभाग के कर्मियों को जिम्मेदार बताया है। जिन्होंने नियमानुसार गाड़ियों से टैक्स की वसूली नहीं की। रिपोर्ट के अनुसार जिला परिवहन पदाधिकारियों ने 22 हजार 684 वाहनों का फिटनेस प्रमाण पत्र का नवीकरण नहीं किया। इन वाहन मालिकों ने जनवरी 2017 से जनवरी 2020 के बीच सड़क शुल्क का भुगतान नहीं किया। इस कारण सरकार को 48 करोड़ 36 लाख का नुकसान हुआ। इसी तरह वाहन डाटाबेस में चूककर्ता वाहन मालिकों द्वारा मोटर वाहन करों का भुगतान नहीं किया गया।  इसी तरह परिवहन कर्मियों ने चूककर्ता वाहनों की सूची नहीं बनाई, जिससे डीटीओ चूककर्ता वाहन मालिकों से कोई राशि की मांग नहीं कर सके। इस कारण सरकार को 17 करोड़ 97 लाख का नुकसान हुआ। एकमुश्त कर वसूली के बिना ही निबंधन चिह्न का निर्धारण किया गया। इससे एक करोड़ 44 लाख की वसूली नहीं हो सकी। 



सॉफ्टवेयर के कारण हुआ भारी नुकसान

सारथी सॉफ्टवेयर में सड़क सुरक्षा उपकरण के परिमापन नहीं होने के कारण लाइसेंस के नवीनीकरण पर 95 करोड़ 44 लाख का कारारोपण नहीं हो सका। 

अनुदान की राशि खर्च करने में नाकाम

वहीं परिवहन विभाग ने अनुदान भी खर्च नहीं किया। विभाग के पास साल-दर-साल अनुदान बचत बढ़ती जा रही है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में 14 फीसदी, 2017-18 में 22 फीसदी, 2018-19 में 14 फीसदी, 2019-20 में 43 फीसदी तो 2020-21 में 47 फीसदी अनुदान की राशि बच गई। 

रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि अनुदान राशि बचने का यह साफ संदेश है कि विभागीय अधिकारियों ने कुछ योजनाओं या कार्यक्रमों को क्रियान्वित नहीं किया। वित्तीय वर्ष 2020-21 में विभाग को 359 करोड़ दिया गया। इसके अलावा विभाग को अनुपूरक अनुदान के तहत 42 करोड़ दिए गए, लेकिन विभाग ने 218 करोड़ ही खर्च किये।

इस  तरह पहुंचाया 492 करोड़ का नुकसान

15.52 करोड़ नहीं हुई वाहनों से करों की वसूली

0.40 करोड़ तिपहिया वाहनों से कर की वसूली नहीं 

11.87 करोड़ ट्रैक्टर से एकमुश्त कर नहीं वसूले गए

15.73 करोड़ अधिभार की अनियमित वसूली की गई

1.52 करोड़ जुर्माने की वसूली नहीं हुई

189.40 करोड़ फिटनेस प्रमाण पत्र शुल्क की वसूली नहीं

1.80 करोड़ व्यापार कर की वसूली नहीं की जा सकी

255.98 करोड़ अन्य मामलों में करों की वसूली नहीं


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