पटना. बिहार की धरती पर शुक्रवार को क्रिकेट का एक नया इतिहास रचा गया. पटना के ऐतिहासिक मोइनउल हक स्टेडियम में शुक्रवार को बिहार की टीम 41 बार की रणजी चैंपियन रही मुंबई का सामना करने उतरी. वर्ष 1996 में हुए क्रिकेट विश्व कप में श्रीलंका और केन्या के बीच यहां आखिरी बार कोई बड़ा मुकाबला हुआ था. उसके बाद से मोइनउल हक स्टेडियम उजाड़ रहा. इस बीच बिहार के बंटवारे के बाद झारखंड का गठन होने पर बिहार में क्रिकेट का कोई बड़ा आयोजन नहीं हुआ. ऐसे में बिहार और मुंबई की टीमों के बीच शुरू हुआ रणजी ट्रॉफी का मुकाबला एक नया इतिहास बनाने वाला साबित हुआ है.
मैच में बिहार की टीम ने टॉस जीता और पहले क्षेत्ररक्षण करने का फैसला लिया. मुंबई की टीम ने शुरुआती 37 ओवर में 123 रनों के स्कोर पर अपने चार विकेट गंवा दिए हैं. मुंबई की ओर से जय बिस्टा 2 रन, भूपेन ललवानी 65 रन, सरफराज खान 1 रन और प्रसाद पवार 6 रन बनाकर आउट हुए. वहीं पांचवे विकट के लिए सुवेद परकर (45) और शिवम दुबे पिच पर जमे हुए हैं. वहीं बिहार की टीम से वीर प्रताप सिंह और शकीबुल गनी ने 2-2 विकेट लिए हैं.
बता दें मुंबई टीम की कप्तानी टीम इंडिया के लिए कई मैचों में कप्तानी कर चुके आंजिक्य रहाणे कर रहे हैं. वहीं वहीं बिहार टीम की कमान आशुतोष अमन संभाल रहे हैं. दोनों टीमों के बीच हो रहे इस मुकाबले को देखने के लिए मामूली संख्या में दर्शक मैदान में पहुंचे हैं.
24 साल बाद एलीट ग्रुप में पहुंची है बिहार की टीम : बिहार क्रिकेट टीम ने रणजी ट्रॉफी 2023 के प्लेट ग्रुप के फाइनल मुकाबले में मणिपुर को हराकर इतिहास रचा था। साकिबुल गनी के दोहरे शतक की बदौलत बिहार ने रणजी ट्रॉफी के प्लेट ग्रुप फाइनल में 220 रनों से शानदार जीत दर्ज कर खिताब अपने नाम किया था। रणजी ट्रॉफी के पहले मैच के लिए बिहार की टीम आशुतोष अमन की कप्तानी में उतरी है.
अपने रिस्क पर मैच देखें दर्शक : बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (BCA) के पदाधिकारी ने कहा कि आम दर्शक के लिए एंट्री बिल्कुल फ्री है। वह कभी भी आकर मैच देख सकते हैं, लेकिन अपने रिस्क पर। ऐसा इसलिए क्योंकि स्टेडियम को 5 साल पहले खतरनाक घोषित किया गया था और इसकी हालत काफी जर्जर है। बीसीए की तरफ से डेंजरस जोन की नोटिस भी चिपकाई जा रही है। किसी हादसे के लिए बीसीए कोई जिम्मेदारी नहीं लेगा।