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आर-पार : CM नीतीश के बाद अब JDU सांसद ने BJP को चेताया, आत्मसम्मान का हनन नहीं होगा सहन

आर-पार : CM नीतीश के बाद अब JDU सांसद ने BJP को चेताया, आत्मसम्मान का हनन नहीं होगा सहन

पटना. लखीसराय मामले को लेकर सोमवार को भी विधानसभा में खूब गहमा गहमी हुई। इस दौरान सीएम नीतीश और स्पीकर विजय सिन्हा भी एक दूसरे से उलझ गये। इसके बाद भाजपा और जदयू एक दूसरे को आर-पार लड़ाई लड़ने की चेतावनी दे रही है। मामले के लेकर जदयू सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह ने भाजपा को चेताया है। उन्होंने भाजपा नेता से कहा है कि अब आत्मसम्मान का हनन बर्दाश्त नहीं होगी।

जदयू सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह ने ट्वीट कर भाजपा से कहा  कि, 'ना किसी को फँसाया जाएगा और ना ही बचाया जाएगा ! साथ ही साथ इस बात का ख्याल रहे कि संविधान, स्वाभिमान, अधिकार और आत्मसम्मान का हनन! नहीं होगा सहन!! #सुशासनराज नीतीश कुमार'

बिहार विधानसभा के प्रश्नकाल में आज वो सब हुआ जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की होगी। लखीसराय मसले पर सीएम नीतीश और स्पीकर विजय सिन्हा उलझ गए। पहले तो सीएम नीतीश ने स्पीकर विजय सिन्हा की जमकर खरी-खोटी सुनाई। लगे हाथ अध्यक्ष विजय सिन्हा ने सीएम नीतीश को चेता दिया कि विधायिका का अपमना हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। विधायिका का अपमान होगा तो सदन में हम जवाब मांगेंगे।

दरअसल, लखीसराय में पचास दिनों में 9 लोगों की हत्या कर दी गई, यह सवाल विस में उठा। विस अध्यक्ष विजय सिन्हा के क्षेत्र का सवाल बीजेपी विधायक संजय सरावगी ने उठाया। भाजपा विधायक के सवाल पर सरकार ने स्वीकार किया कि 8 लोगों की हत्या हुई है। लेकिन तीन लोगों की ही हत्या अपराधियों द्वारा की गई है। सरकार की तरफ से प्रभारी गृह मंत्री विजेन्द्र यादव ने सदन में बताया कि हमने स्वीकार किया है कि तीन की आपराधिक घटनाओं में हत्या हुई है। बाकी के अन्य वजहों से हुई है। भाजपा विधायक ने सरकार को घेरा और कहा कि पुलिस दोषियों को नहीं पकड़ रही है और निर्दोषों  को पकड़ रही है।

सदन में मंत्री ने कहा कि इस पर जल्द से जल्द कार्रवाई होनी चाहिए। भाजपा विधायक ने कहा कि दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। भाजपा विधायक ने सदन में कहा कि  सरस्वती पूजा के दौरान जो घटना हुई उस मामले में भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। सदन में स्पीकर विजय सिन्हा ने कहा कि यह मामला गंभीर है। ऐसे में इस मामले की पूरी जानकारी ले लें। तब तक इस प्रश्न को स्थगित की जाती है। आसन की तरफ से अब इस मसले पर 16 तारीख को जवाब देने का  निर्देश दिया गया है।

इसके बाद सीएम नीतीश सदन में पहुंचे और अध्यक्ष पर फूट पड़े। ऐसी स्थिति शायद ही कभी देखने को मिली होगी जब मुख्यमंत्री ने अध्यक्ष के निर्णय पर सवाल खड़े किये और जमकर हतोत्साहित किया। सदन में सीएम नीतीश अध्यक्ष विजय सिन्हा पर ही भड़क गए। कहा कि संविधान के अनुरूप काम होगा। न हम किसी को फंसाते हैं और न बचाते हैं। आप इस तरह से हाऊस चलायेंगे? आप गलत कर रहे हैं। हम ऐसा नहीं चलने देंगे। इस तरह की चर्चा हाउस में नहीं की जाती। सदन में स्पीकर विजय सिन्हा ने भी सीएम नीतीश को करारा जवाब दिया।

विजय सिन्हा ने कहा कि यह मेरे क्षेत्र का मसला है। तीन दिनों तक सदन में यह सवाल उठा। लेकिन सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं आया। स्पीकर ने कहा कि हम विधायिका का अपमान नहीं होने देंगे। अगर आप न किसी को फंसाते हैं और न किसी को बचाते हैं इस फार्मूले पर चलते हैं तो लखीसराय मसले पर भी यह नीति लागू होनी चाहिए। आपकी जीरो टॉलरेंस वाली नीति सही नहीं है।

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