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काश! संजय जायसवाल की सलाह मान लेते CM नीतीश, सरकारी रिपोर्ट दे रही गवाही...लॉकडाउन के बाद हालात में सुधार

काश! संजय जायसवाल की सलाह मान लेते CM नीतीश, सरकारी रिपोर्ट दे रही गवाही...लॉकडाउन के बाद हालात में सुधार

PATNA: बिहार में कोरोना से कोहराम मचा है।आपदा की इस घड़ी में लोग त्राहिमाम कर रहे हैं । सरकार की पूरी मशीनरी इस महामारी में फेल साबित हुई है। लोग बिना ऑक्सीजन,दवाईयां और अस्पताल में बेड के बिना मर रहे हैं। पिछले एक महीने से बिहार की स्थिति भयावह है। सरकार ने लॉकडाउन लगाने में काफी देर कर दी। तब तक संक्रमण निचले स्तर तक फैल गया। हालांकि पिछले तीन दिनों में कोरोना के नए केस में कमी, रिकवरी रेट में सुधार से एक नई आशा की किरण का संचार हुआ है। ऐसे में अब यह कहा जाने लगा है कि काश! सीएम नीतीश सहयोगी दल बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल की सलाह मान लेते।  

बीजेपी की सलाह को सीएम नीतीश ने किया था खारिज

बिहार में कोरोना रफ्तार रोकने को लेकर काफी दिनों से लॉकडाउन लगाने की मांग की जा रही थी। राज्य सरकार ने 17 अप्रैल को कोरोना संकट पर सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। बैठक में राजनीतिक दल के नेताओं ने अपने विचार रखे थे। राजद,कांग्रेस जैसे दलों ने लॉकडाउन लगाने का सुझाव दिया था। वहीं सहयोगी दल बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने वीकेंड लॉकडाउन का सुझाव दिया था। संजय जायसवाल ने सरकार ने कहा था कि तत्काल 62 घंटों का लॉकडाउन लगाइए,इससे संक्रमण की चेन को तोड़ने में जरूर सफलता मिलेगी। लेकिन नीतीश सरकार ने तमाम सुझावों को दरकिनार कर लॉकडाउन या वीकेंड लॉकडाउन लगाने की बजाए नाईट कर्फ्यू लगा दिया। सीएम नीतीश के इस निर्णय से न तो विपक्षी नेता सहमत दिखे और न सहयोगी और न कोई फायदा ही मिलते दिखा। लिहाजा प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने सरकार के नाईट कर्फ्यू वाले निर्णय पर सवाल उठा दिया । तब उन्होंने कहा था कि सरकार ने जो नाईट कर्फ्यू  लगाये हैं उससे कोरोना चेन को कैसे ब्रेक किया जाएगा। उन्होंने चैलेंज देते हुए कहा था कि कोई मुझे यह बात समझा दे। 

हालात हाथ से निकलने पर 4 मई को लॉकडाउन की घोषणा

कोरोना की स्थिति जब गंभीर हो गई,हालात पूरी तरह से बिगड़ गये, इसके बाद बिहार सरकार ने 4 मई को लॉकडाउन लगाने की घोषणा की। सरकार की इस घोषणा के बाद सहयोगी दल के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने फिर से सवाल खड़े किये . उन्होंने कहा था कि बिहार सरकार ने 11 दिनों का लॉकडाउन लगा दिया है। नागरिकों के हित के लिए सरकारों को कुछ कठिन फैसले लेने ही पढ़ते हैं ।आज भी विश्व के आधे देशों के विभिन्न राज्यों में लॉकडाउन लगा हुआ है। महामहिम राज्यपाल की अध्यक्षता में आयोजित सर्वदलीय बैठक में जब मैंने 62 घंटे के शुक्रवार शाम से सोमवार सुबह तक लॉकडाउन की बात की थी तब बिहार में केस 40 हजार से कम थे पर आज एक लाख से ज्यादा एक्टिव केस होने के कारण बिहार सरकार के पास जनता के  भलाई का कोई दूसरा विकल्प नहीं है। भारतीय जनता पार्टी के सभी जनप्रतिनिधियों से आग्रह है कि वे अपने क्षेत्र में रहें और अस्पतालों की चिंता करें।  जनता को भी मास्क तथा 2 गज दूरी के लिए जागृत करें। मेरा नाम लेकर राजनैतिक बयानबाजी करने वाले नेताओं से भी उम्मीद है कि उन्हें जमीनी हकीकत  समझ में आ रही होगी। 

काश...सलाह मान लेते तो सुशासन की भद्द पिटने से बच जाती

बिहार में 4 मई को लॉकडाउन लगाने की घोषणा की गई। लॉकडाउन लगे 6 दिन हो गए। पिछले तीन दिनों से कोरोना के नये केस में कमी आनी शुरू हो गई है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जो आंकड़े जारी किये जा रहे हैं उससे यह साफ हो रहा कि स्थिति धीरे-धीरे सुधार की ओर है। पिछले तीन दिनों के आंकड़ों पर गौर करें तो इस बात की पुष्टि हो रही है। 9 मई को कोरोना के कुल 11259 नए केस मिले,जबकि रिकवरी रेट 80.71 फीसदी रहा। 8 मई की बात करें तो उस दिन 12948 नए केस मिले, वहीं रिकवरी रेट 79.97 प्रतिशत था। 7 मई को 13466 नए मरीज मिले, रिकवरी रेट 79.16 प्रतिशत था। वहीं इन तीन दिनों में कुल सैंपल जांच की बात करें तो 6 मई को 107153, 7 मई को 108010, आठ मई को 109190 सैम्पल की जांच की गई। इस तरह से पिछले तीन दिनों में सैंपल जांच में बढ़ोतरी के बाद भी पॉजिटेव केस की संख्या में कमी आई है। वहीं रिकवरी रेट भी पिछले तीन दिनों में बढ़ा है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि सरकार अगर बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल की सलाह मान ली होती तो ये हालात उत्पन्न नहीं होते और सुशासन की भद्द पिटने से भी बच जाती। 


 

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