DARBHANGA : जिले के नगर थाना क्षेत्र के बड़ा बाजार में बीते साल 9 दिसंबर को अलंकार ज्वेलर्स में अपराधियों ने दिनदहाड़े सोना लूट की घटना को अंजाम दिया था. इस मामले को लेकर दरभंगा पुलिस एसटीएफ की मदद से कई जिलों में छापेमारी कर रही थी. इसी बीच गुप्त सूचना के आधार पर दिल्ली में छापेमारी कर सीसीटीवी में दिख रहे प्रिंस और गोलू पासवान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. बताया जा रहा है कि समस्तीपुर के प्रिंस और गोलू पासवान को बिहार एसटीएफ और दरभंगा पुलिस के संयुक्त छापेमारी में गिरफ्तार किया गया है. जानकारी मिल रही है की लूट कांड के बाद उन्होंने कुछ दिनों तक गांव में छुपकर बिताया फिर भागकर दिल्ली में नाम बदलकर रह रहा था.
गौरतलब है कि जिले के सबसे बड़ी लूट कांड को लेकर दरभंगा पुलिस की कार्रवाई पर सवालिया निशान खड़ा किया जा रहा था. इस बीच अनुसंधान को तेजी से आगे बढ़ाते हुए दरभंगा पुलिस के द्वारा लगातार कई जिलों सहित आसपास के राज्य में गुप्त जानकारी पर ताबड़तोड़ छापेमारी किये जाय रहे थे. इसी दौरान लगभग दर्जनों से ज्यादा लोगों को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की गई थी और उनके द्वारा बताए गए ठिकानों पर छापेमारी की जा रही थी.
दरभंगा एसएसपी बाबूराम ने खबर की पुष्टि करते हुये बताया कि घटना करने के लिए जो लोग घटनास्थल पर पहुंचे थे. अभी तक उनलोगों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई थी. जिसको लेकर जिला पुलिस और एसटीएफ लगातार छापेमारी कर रही थी. इस बीच में इनके लोकेशन की जानकारी हम लोगों को दिल्ली में मिला. दिल्ली में 1 हफ्ते से एसटीएफ और जिला पुलिस कैंप की हुई थी. 2 लोग गोलू पासवान और प्रिंस की गिरफ्तारी में सफलता हासिल हुई है. पूर्व में ही प्रिंस के घर से पहले ही काफी मात्रा में सोना और पैसा की बरामदगी समस्तीपुर से हो चुकी है. इस कांड में ऐसे लोग पकड़ाए हैं जिन्होंने दुकान के अंदर घुसकर लूटपाट की थी और पूरे कार्रवाई में शुरू से ही शामिल रहे थे.
उन्होंने कहा की दरभंगा में भी ये लोग एक महीने से किराए के मकान में रह रहे थे. हमारी टीम उन्हें लेकर यहां आएगी. उसके बाद पूछताछ में और भी बहुत सारी जानकारियां सामने आएगी. उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. इन लोगों ने पूछताछ के क्रम में बहुत सारी जानकारियां दी है. कैसे-कैसे इस घटना के लिए प्लान किया था और कैसे इस घटना को अंजाम दिया था. इसमें लाइनर के लिए मुख्य रूप से विकाश झा का नाम ही बताया है. विकाश झा ही ने ही लाइन रविंदर साहनी को दी थी. उसके बाद रविंदर सहनी ने इन सभी लोगों को अरेंज किया था. इसमें पूर्व में ही 22 लोग जेल जा चुके हैं. घटना की योजना बनाने में, लूट कांड की माल को छिपाने में इनकी संलिप्तता रही है. इस कांड के अभी भी 6- 7 जो मुख्य अभियुक्त हैं. वो बाहर हैं. जिसको लेकर लगातार छापेमारी जारी है और जल्द ही उसकी भी गिरफ्तारी होगी.
दरभंगा से वरुण ठाकुर की रिपोर्ट