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मां की मौत के बाद शव का अंतिम संस्कार जलाकर करें या उसे दफनाएं, तीन बच्चों में हो गई लड़ाई, अजीबो-गरीब मामले से पुलिस भी हैरान

मां की मौत के बाद शव का अंतिम संस्कार जलाकर करें या उसे दफनाएं, तीन बच्चों में हो गई लड़ाई, अजीबो-गरीब मामले से पुलिस भी हैरान

LAKHISARAI : एक महिला, जिसकी मौत के बाद उनके तीन बच्चों के बीच इसलिए विवाद हो गया कि शव का अंतिम संस्कार जलाकर किया जाए या दफनाए जाए। जहां एक तरफ बेटा अपनी मां की शव का दाह संस्कार करना चाह रहा था, वहीं दूसरी तरफ एक बेटा और बेटी शव को दफनाने की जिद पर अड़ी थी। इस अजीबोगरीब मामले को लेकर गांव के लोगों के सामने भी अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई। स्थिति को देख मामले में पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।

मामला लखीसराय के जानकीडीह गांव से जुड़ा है। महिला शादी से पहले मुसलमान थी। 50 वर्ष पहले राजेन्द्र झा से प्रेम विवाह करने के बाद उसने हिंदू धर्म अपनाते हुए अपना नाम रैखा खातून से रेखा देवी रख लिया। शादी के बाद उसकी दो संतानें हुईं। बेटा बबलू पांडेय ने हिंदू धर्म स्वीकार किया जबकि बेटी नदमा खातून मुस्लिम धर्म मानने लगी। राजेंद्र झा से शादी के पहले भी रेखा का एक बेटा था, जो मुस्लिम है।

मंगलवार को रेखा देवी के निधन के बाद बबलू पांडेय जहां हिंदू रीति रिवाज से दाह संस्कार करना चाह रहा था, वहीं, पहला बेटा मु. महफिल एवं नदमा खातून मुस्लिम धर्म से दफनाना चाह रहे थे। इस कारण दोनों पक्ष में विवाद होने लगा, जिससे तनाव की स्थिति बन गई।


पुलिस को देना पड़ा दखल

मामला थाने तक पहुंच गया। सूचना पर पहले चानन थानाध्यक्ष रुबीकांत कच्छप और इसके बाद लखीसराय के एएसपी सैयद इमरान मसूद मौके पर पहुंचे। जांच में पता चला कि शादी के बाद से ही महिला जानकीडीह गांव में रेखा देवी के नाम से रह रही थी। मतदाता सूची सहित अन्य कागजात में भी उसका यही नाम है। महिला के पुत्र बबलू पांडेय ने पुलिस को बताया कि उसकी बहन का नाम पहले तेतरी कुमारी था।

वोटर लिस्ट में नाम से हुआ फैसला

उसने मुस्लिम समुदाय में शादी कर ली और अपना नाम बदल लिया। उसकी मां हिंदू धर्म स्वीकार करके वर्षों से यहां रह रही थी। उसने मतदाता सूची दिखाकर प्रमाण भी पेश किया। एएसपी इमरान मसूद ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद शव का अंतिम संस्कार कराने के लिए बबलू पांडेय को अधिकृत कर दिया। उन्होंने शव का दाह संस्कार करने का आदेश देकर मामले को शांत करा दिया। इस दौरान गांव के लोगों की भीड़ लगी रही।

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