अमित शाह के दुलरुआ ने रुकवाई जातीय गणना, जदयू के नीरज ने उजागर किया परदे के पीछे का खेल

अमित शाह के दुलरुआ ने रुकवाई जातीय गणना, जदयू के नीरज ने उजागर किया परदे के पीछे का खेल

PATNA: बिहार में जातीय गणना पर पटना हाई कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है। जिसके बाद से ही राज्य में राजनीतिक बयानबाजी थमने का नाम ही नहीं ले रही है। महागठबंधन के नेता जातीय गणना पर लगी रोक को लेकर बीजेपी पर निशाना साध रही है। उनका कहना है कि, भाजपा परदे के पीछे से जातीय गणना का विरोध कर रही है। और इसे रोकने के लिए प्रयासरत है। इसी कड़ी में जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि, जातीय गणना के रोक के लिए जो छह आवेदन कर्ता हैं। वे सभी अमित शाह के दुलरुआ हैं। 

दरअसल, नीरज कुमार ने जातीय गणना के रोक के मामले को लेकर कहा कि,  कोर्ट में संगठन 'यूथ फॉर इक्वलिटी'  के छह आवेदन कर्ता हैं। इसमें प्रो. माखन लाल, प्रो. संगीत कुमार रागी, प्रो. कपिल कुमार, डॉ. भूरे लाल, अहना कुमारी और एक सोच, एक प्रयास शामिल है। ये सभी अमित शाह के दुलरुआ हैं। भाजपा के नेताओं के सह पर यह याचिका दाखिल की गई है।

जेडीयू नेता ने नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि, केंद्र की मोदी सरकार सिर्फ जाति गणना विरोधी नहीं है। वह जनगणना विरोधी भी है। पिछले डेढ़ सौ सालों में पहली बार हो रहा है कि देश में 10 साल में जनगणना नहीं हो रही है। अंतिम जनगणना 2011 में की गई थी। इसके बाद 2021 में तय था लेकिन मोदी सरकार ने कोविड का बहाना बनाकर आज तक जनगणना नहीं की। जनगणना नहीं कराए जाने से देश में संविधानिक संकट पैदा हो गया है। परिसीमन कैसे किया जाएगा?

बतात चलें कि, पटना हाई कोर्ट में जातीय गणना पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की गई थी। जिस पर सुनवाई करते हुए पटना हाई कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी। इसके बाद से ही बिहार में राजनीति गरमाई हुई है।

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