पटना- विपक्ष को एकजुट करने की मुहिम में जुटे नीतीश कुमार को सफलता मिली.इंडिया घठबंधन ने आकार ले लिया दौ बैठक के बाद तीसरी बैठक मुंबई में होने वाली है.विपक्षी गठबंधन ने आकार तो ले लिया लेकिन जितने दल उतनी समस्याएं.सीटों का बंटवारा एक बडी समस्या हो सकता है.
एनडीए को टक्कर देने के लिए इंडिया गठबंधन तो बन गया लेकिन इंडिया गठबंधन में जितने दल हैं उतने सुर भी .26 दलों के गठबंधन में अभी से सीट बंटवारे को लेकर अलग अलग सुर सुनाई देने लगे है. दिल्ली में कांग्रेस प्रवक्ता अल्का लांबा के सातों सीटों पर तैयारी के बयान पर आप ने आपा खो दिया और गठबंधन से हट जाने तक की धमकी दी तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को कमान संभालना पड़ा.
वहीं इंडिया महागठबंधन की मुंबई में बैठक पहले ही भाकपा ने बड़ा बयान दे दिया है. भाकपा के राष्ट्रीय सचिव अतुल अंजान ने इंडिया में अब सीटों के समायोजन का खाका तैयार करने की बात कह कर महागठबंधन के नेताओं की चिंता बढ़ा दी है. बिहार में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का प्रभाव 20 लोकसभा क्षेत्रों पर रहा है.ऐसे में . भाकपा के राष्ट्रीय सचिव अतुल अंजान ने कहा कि बिहार में पार्टी सम्मानजनक सीट की मांग करेगी. उन्होंने देश और राज्य स्तर पर सीटों के समायोजन की बात रखी.
अतुल अंजान ने कहा कि बिहार में उनकी पार्टी सीपीआई कितने सीटों की मांग करेगी, इसका खुलासा समय आने पर होग. अतुल अंजान ने कहा कि वैसे जो नया गठबंधन बना है, उसमें सीपीआई को देश भर में 40 से 45 सीटें चाहिए. बिहार विधानसभा में सीपीआई के दो विधायक हैं, तो उनका ये विचार है.
अब बिहार के गणित को समझिए.लोकसभा चुनाव 2019 में नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने भाजपा के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरी थी. जदयू ने 17 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और 16 सीटें जीती थीं और एक सीट पर जदयू का उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहा था. कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2019 में नौ सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे जिनमें से एक सीट पर पार्टी को सफलता मिली थी. राष्ट्रीय जनता दल ने 19 सीटों पर पर चुनाव लड़ा था जिनमें से 18 सीटों पर पार्टी दूसरे और एक सीट पर तीसरे स्थान पर रही थी.
बिहार के विधानसभा चुनाव में राजद का प्रदर्शन जदयू की तुलना में बेहतर रहा था. राजद बिहार विधानसभा में संख्याबल के लिहाज से सबसे बड़ी पार्टी है जबकि जदयू तीसरे नंबर की. कांग्रेस के साथ ही वामपंथी पार्टियां भी गठबंधन में हैं. ऐसे में देखना होगा कि बिहार में सीट बंटवारे की गुत्थी कैसे सुलझती है. ऐसे में . भाकपा के राष्ट्रीय सचिव अतुल अंजान के बयान ने इंडिया गठबंधन की चिंताएं तो बढ़ा गीं दी है.