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'भाजपा राज' में भी विकास को तरस रहा 'अटल' का पैतृक गांव बटेश्वर

'भाजपा राज' में भी विकास को तरस रहा 'अटल' का पैतृक गांव बटेश्वर

डेस्क... 'सबका साथ, सबका विकास' का नारा देने वाली जिस भाजपा को स्थापित करने में पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी ने अपनी पूरी जिंदगी लगा दी, उन्हीं वाजपेयी के पैतृक गांव भाजपा आज तक विकास नहीं दे पाई। खास बात तो ये है कि अटल बिहारी वाजपेयी का पैतृक गांव बटेश्वर भी उसी राजय का हिस्सा है, जिस राज्य में भाजपा का ही सत्ता है। इतना ही नहीं आज के दिनों में केंद्र में भी भाजपा का ही शासन है। इसके बावजूद अटल बिहारी वाजपेयी का पैतृक गांव बटेश्वर विकास की बाट जोह रहा है तो देश के अन्य सुदूर हिस्सों के विकास का अंदाजा लगाया जा सकता है। 

बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की शुक्रवार यानि 25 दिसंबर को 96वीं जयंती मनाई गई, लेकिन उनका पैतृक गांव बटेश्वर आज भी विकास की बाट जोह रहा है। आगरा स्थित बटेश्वर और तहसील बाह को नया जिला बनाने की मांग के समर्थन में लोगों ने बाह, जैतपुर, जरार, पिनाहट भदरौली, बटेश्वर में बंद का आह्वान किया गया। उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 96वीं जयंती पर उनके पैतृक गांव बटेश्वर में 14 करोड़ रुपए की विकास परियोजना शुरू करने की योजना बनाई थी। कहा गया था कि शुक्रवार को अटल के पैतृक गांव में विकास कार्यों की नींव रखी जाएगी।

कन्वेंशन सेंटर का होना है निर्माण
इसमें एक कन्वेंशन सेंटर का निर्माण उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण और यूपीएसआईडीसी द्वारा निर्मित किया जाएगा। इस केंद्र में पूर्व पीएम की विरासत को चित्रित करने की महत्वपूर्ण परियोजना पर कार्य किया जाना था। इस कन्वेंशन सेंटर का नाम 'भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी संस्कृत संकल्प केंद्र' प्रस्तावित था।


योगी सरकार ने स्थगित किया कार्यक्रम
साथ ही गांव में हाई मास्ट एलईडी लाइटें लगाई जाएंगी लेकिन स्थानीय लोगों की उम्मीदों को तब झटका लगा जब तीन चार दिन पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी की जयंती पर 25 दिसंबर को उनकी स्मृति में 14 करोड़ की लागत से शुरू होने वाले कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया। साथ ही कहा गया कि पूर्व प्रधानमंत्री की स्मृतियों को सहेजने का कार्य सरकार द्वारा जल्द ही पूरा किया जाएगा।

नाराज ग्रामीणों ने बुलाया बंद
शिलान्यास कार्यक्रम स्थगित होने की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोग भड़क गए और उसके बाद कस्बा पिनाहट, बाह, जैतपुर, जरार, भदरौली बटेश्वर बाजार को विरोध स्वरूप बंद कराने के आह्वान में एकजुट हुए।

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