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बांका का अमरपुर रेफरल अस्पताल बना अवैध वसूली का अड्डा, डॉक्टर और नर्स की मिलीभगत से महिला प्रसव कक्ष में जबरन हो रही वसूली

बांका का अमरपुर रेफरल अस्पताल बना अवैध वसूली का अड्डा, डॉक्टर और नर्स की मिलीभगत से महिला प्रसव कक्ष में जबरन हो रही वसूली

BANKA : जिले के अमरपुर रेफरल अस्पताल में प्रसव के नाम पर प्रसूता से पैसे की अवैध वसूली का गोरखधंधा  जोर शोर से चल रहा है। ताजा मामला शुक्रवार की सुबह 3:45 का बताया जा रहा है। जब एक महिला डिलीवरी के लिए अमरपुर रेफरल अस्पताल आई। डिलीवरी के दौरान जबरन उससे 3 हजार रुपए की मांग की जाती है। नहीं देने पर धमकाते हुए कहा जाता है की सभी लोग देते है तुमको भी देना होगा। अन्यथा यहां से रेफर कर दिया जाएगा। यह बोलकर 1800 रुपए की राशि प्रसूता के परिजनों से वसूल कर ली जाती है। इतना ही नहीं एक इंजेक्शन देने का भी इस अस्पताल में ₹10 से बीस  रुपया लिया जाता है। नाम नहीं छापने के शर्त पर एक अस्पताल के ही नर्स ने बताया की प्रसव कक्ष में ड्यूटी लगाने पर बड़े पदाधिकारी के द्वारा पैसा लिया जाता है। जो नर्स इसका विरोध करती है तो उसको प्रसव कक्ष में ड्यूटी नहीं दिया जाता है। हर जगह ड्यूटी का अलग-अलग रेट फिक्स किया गया है।

इसी कड़ी में पटना हाई कोर्ट के वरिष्ठ वकील मुकेश कुमार विधिक सेवा समिति पटना के द्वारा लिखित आरोप लगाया गया था। जिसका विषय था डॉक्टर राय बहादुर के द्वारा मेडिकल रिपोर्ट में अवैध उगाई करने के संबंध में तथा डॉक्टर को जान बूझकर परेशान करना डॉक्टर राय बहादुर के द्वारा बार-बार अस्पताल के लेबर रूम से एएनएम को बदलना जिसके कारण लेबर रूम का प्रसव दर का लक्ष्य हासिल नहीं हो पता है।  तथा एएनएम से अवैध पैसा लेकर प्रसव कक्ष में रखा जाता है।  पैसा नहीं देने वाले एएनएम को प्रसव कक्ष से हटा दिया जाता है।  इन्हीं सब बिंदु को लेकर भागलपुर क्षेत्रीय स्वास्थ्य उप  निदेशक डॉक्टर अविनाश सिंह  स्वास्थ्य सेवाएं भागलपुर के द्वारा कुछ दिन पूर्व जांच किया गया था। जांच के दौरान अस्पताल प्रभारी को कड़ी फटकार भी लगाई गई थी।

बांका जिला के अमरपुर थाना क्षेत्र के गोरगाम्मा गांव निवासी प्रमोद दास शुक्रवार की सुबह 3:40 बजे अपनी पत्नी सुरजी देवी को रेफरल अस्पताल अमरपुर लेकर आए थे। उस वक्त सुरजी देवी प्रसव पीड़ा से तड़प रही थी। लेकिन डॉक्टर और नर्स नींद का आनंद ले रहे थे। उक्त महिला को तड़पते देखा ड्यूटी पर तैनात गार्ड ने नर्स  के द्वारा प्रसूता को 3 बजकर चालीस मिनट में एडमिट किया गया और 3.45 में महिला के द्वारा जुड़वां बच्चे को जन्म दिया गया।  उसके बाद वहां पर तैनात नर्स के द्वारा परिजनों पर पैसा लेने का दबाव बनाना शुरू हो गया।  आखिरकार 1800 रुपए में बात फाइनल हुई तथा रूपए की वसूली की गई।

अस्पताल आए प्रसूता के  परिजनों ने रुपए नही होने की बात कहीं तो बहाना बनाकर टालते रहे। नर्स  के द्वारा  जच्चा बच्चा दोनों को खतरा बताया और रेफर का चिट्ठा बना दिया गया । लेकिन रेफर नही किया गया। और फिर कुछ समय बाद महिला कर्मियों द्वारा जबरदस्ती तरीके से 18 सौ रुपए की वसूली की गई। इस मामले को लेकर परिजन अहले सुबह  हंगामा करने लगे, जिसके बाद रेफरल प्रभारी और प्रबंधक ने परिजनों को समझा बुझा कर  शांत कराया और दिया हुआ 1800 रुपया वापस करवाया गया और उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया है। वही सिविल  सर्जन डॉक्टर अनिता कुमारी ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है।  जांच किया जा रहा है जांच करने के दौरान जो भी दोषी पाया जाएगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।

बांका से चंद्रशेखर कुमार भगत की रिपोर्ट

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