PATNA : बिहार में पेट्र्रोल पंप के कारोबार से जुड़े व्यवसाइयों को अब वैट रिटर्न दाखिल करने की जरुरत नहीं है। इस संबंध में नीतीश सरकार ने उन्हें बड़ी राहत देते हुए गुुरुवार को विधानसभा ने बिहार वैट (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया था, जो पारित हो गया है। सदन में इस विधेयक को वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने पेश किया था। उन्होंने बताया कि लंबे समय से बिहार के पेट्रोल पंप व्यवसायी इसको लेकर मांग कर रहे थे। जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया है।
तेल कंपनियां देती थी वैट, लेकिन कारोबारियों को करना होता था वैट रिटर्न
सम्राट चौधरी ने बताया कि राज्य में डीजल, पेट्रोल, नेचुरल गैस, तथा एभियेसन टरबाइन फ्यूल (एटीएफ) पर वैट की देयता इनकी प्रथम बिक्री यानी तेल कंपनियों पर ही निर्धारित की गयी है. जिस कारण से पेट्रोल-डीजल पंप वालों से वैट नहीं ली जाती है.राज्य में डीजल और पेट्रोल पर वैट का भुगतान आम तौर पर सिर्फ ऑयल कम्पनियों द्वारा किया जाता है. लेकिन पेट्रोल पंप व्यवसयियों को वैट अधिनियम के तहत अनिवार्य रूप से रिटर्न दाखिल करना होता है। ऐसे में राज्य के पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि सरकार से लगातार से यह अनुरोध करते रहे हैं कि जब वैट का भुगतान नहीं करना है तो तो रिटर्न दाखिल करने की झंझट से भी छूटकारा मिलनी चाहिये। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने एसोसिएशन की मांग पर विचार करते हुये पेट्रोल-डीजल कारोबारियों को रिटर्न नहीं दाखिल करने की छूट दी है
उल्लेखनीय है कि बिहार वैट अधिनियम के अन्तर्गत कंपाउंडिंग करदाताओं को छोड़कर, प्रत्येक निबंधित व्यवसायी के लिये त्रैमासिक और वार्षिक विवरणी दाखिला करना अनिवार्य है.ऐसी स्थिति में व्यवसायियों के किसी वर्ग को रिटर्न की दाखिला से मुक्त करने के लिये बिहार वैट अधिनियम, 2005 में संशोधन करना जरूरी है इसलिये सरकार बिहार वैट (संशोधन) विधेयक लायी गयी है.