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शीतलहर की चपेट में बिहार समेत पूरा उत्तर भारत, 48 घंटों में 38 की मौत

शीतलहर की चपेट में बिहार समेत पूरा उत्तर भारत, 48 घंटों में 38 की मौत

NEWS4NATION DESK : बिहार समेत पूरा उत्तर भारत इस समय भीषण शीतलहर  की चपेट में है। शीतलहर से बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में सामान्य जीवन प्रभावित हुआ है। 

शीतलहर से राजधानी पटना, गया, भागलपुर और पूर्णिया जिलों में पारे में असामान्य गिरावट की वजह से कई मौतें हुईं हैं। वहीं उत्तर प्रदेश में बीते 48 घंटों में 38 लोगों के मौत की सूचना है। 


 उधर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दिसंबर की सर्दी का यह आलम है कि यह 1901 के बाद दूसरी बार ऐसा हो सकता है जब साल का आखिरी महीना इतना सर्द रहा हो। मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली में तापमान और भी गिर सकता है। 

दिल्ली में न्यूनतम तापमान 5.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि अधिकतम तापमान 13.4 डिग्री सेल्सियस रहा, जो कि सामान्य से सात डिग्री सेल्सियस कम है। दिल्ली में लगातार 13वें दिन कड़ाके की सर्दी पड़ रही है और इससे पहले 1997 में ऐसा हुआ था जब ऐसे लगातार 17 दिन कड़ाके की सर्दी पड़ी थी।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. राजेंद्र जेनामणि के अनुसार भूमध्य सागर में उत्पन्न होने वाले असमान्य और शक्तिशाली 'पश्चिमी विक्षोभ' ने हिंदी पट्टी सहित समूचे उत्तर भारत को बीते पखवाड़े से ठिठुरने को मजबूर किया है। यह स्थिति चार से पांच दशकों में एक बार पैदा होती है, जो लोगों को नए साल की पूर्व संध्या पर भी कंपकंपाएगी। 

उनका कहना है कि यह लंबी अवधि है, जिसकी प्रकृति अनोखी है और यह पूरे उत्तरपश्चिम भारत पर असर डालेगी।
 
 गंगा के मैदानी क्षेत्रों में घना कोहरा और हिंद महासागर की असामान्य वार्मिंग पश्चिमी विक्षोभ के लिए जिम्मेदार है। इसके साथ ही भूमध्यसागरीय क्षेत्र में उत्पन्न होने वाले उष्णकटिबंधीय तूफान से भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरपश्चिम भाग में अचानक से ठंड के मौसम में बरसात हुई, जिससे देश के कुछ शहरों में दिन का तापमान 12 डिग्री से नीचे हो गया। शीर्ष वैज्ञानिकों को आशंका है कि जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम की बेरुखी सामने आई है और अप्रत्याशित मौसम की यह स्थिति लोगों को परेशान करती रहेगी।

डॉ. जेनामणि ने कहा, 'आम तौर पर ज्यादा ठंड की अवधि 5 या 6 दिनों होती है। लेकिन इस साल 13 दिसंबर से तापमान में गिरावट जारी है .... यह अप्रत्याशित है। हालांकि, अब ऐसा लगता है कि 31 दिसंबर के बाद ही राहत मिल सकती है।' वैज्ञानिकों का मानना है कि 16 से 17 दिनों से अधिक समय तक इस तरह के ठंडे मौसम का होना असामान्य है।
 
 


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