पटनाः बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने जेईई - नीट की परीक्षा कराने के सरकारी फैसले का समर्थन करते हुए कहा है कि इस परीक्षा से विद्यार्थियों का एक वर्ष बर्बाद होने से बच जाएगा। उन्होंने कहा, ‘सरकार हर संभव सावधानी के साथ इस परीक्षा का आयोजन करवा रही है। परीक्षा करवाने के मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार के हक में फैसला दिया है। सरकार विद्यार्थियों का करियर देख रही है, लेकिन विपक्ष को केवल राजनीति सूझ रही है।’
डॉ. जायसवाल ने सरकार की तारीफ करते हुए कहा, ‘चाहे JEE हो या NEET की परीक्षा, सरकार ने दोनों के लिए ही केंद्रों की संख्या कई गुणा बढ़ा दी है। हर एक केंद्र पर थर्मल स्क्रीनिंग भी होगी और परीक्षार्थियों को कोरोना-मुक्त होने का स्व-प्रमाणपत्र भी देना होगा। सरकार ने JEE-NEET की परीक्षा के लिए अधिकांश, बल्कि 99 फीसदी विद्यार्थियों को उनके घर के पास ही परीक्षा-केंद्र दिया है। अधिकांश छात्र व अभिभावक चाहते हैं कि परीक्षा हो जाए, बहुत कम बच्चों ने ही परीक्षा केंद्र बदलने का आवेदन दिया है। फिर, दिक्कत क्या है ?
विपक्ष पर हमलावर होते हुए बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि दरअसल विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता से बुरी तरह भयभीत है और उसके पास कोई मसला भी नहीं है। इसीलिए, वह बकवास कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘सरकार विद्यार्थियों के भविष्य को भी बचाना चाहती है और उनको पूरी सुरक्षा भी देना चाहती है। तापमान अधिक होने पर बच्चों को अलग कमरे में देनी होगी परीक्षा !सरकार पूरी तरह तैयार है। इन सबके बावजूद गैर-जिम्मेदार विपक्ष इसे टलवाने के पीछे क्यों है ?’
बिहार बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि कुछ ही घण्टों के अंदर कुल 15 लाख परीक्षार्थियों में से 90 फीसदी विद्यार्थियों के NEET का एडमिट कार्ड डाउनलोड करने की खबर है। साथ ही, ‘सरकार ने सोशल डिस्टेंसिंग के लिए एक कमरे में 24 की जगह 12 स्टूडेंट को ही बिठाने की सोची है। फिर भी, 'विरोध के लिए विरोध' करने वालों को क्या ही कहा जाए? सरकार ने JEE-NEET की परीक्षा के लिए दस्ताने और मास्क अनिवार्य कर दिए हैं! 50 एमएल के सैनिटाइज़र की व्यवस्था करनी होगी। प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि छात्रों को रिपोर्टिंग स्लॉट मिलेगा, ताकि वे आराम से परीक्षा दे सकें! इसके बावजूद अवसरवादी विपक्ष आधारहीन विरोध पर आमादा है।