पटना। बढ़ते सायबर क्राइम का मुद्दा आज बिहार विधानसभा में गूंजा। विपक्ष में बैठे अजय कुमार खेमका ने मांग की बिहार के सभी जिलों में एक सायबर थाने की स्थापना की जाए, ताकि सायबर क्राइम पर रोक लगाने में सहायता मिले। जिस पर सदन में गृह विभाग की तरफ से जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि अभी इसकी कोई योजना नहीं है।
सरकार की तरफ से सदन को बताया गया कि इंटरनेट और स्मार्ट फोन की मांग बढ़ने के कारण सायबर क्राइम में वृद्धि हुई है। सायबर अपराध पर रोक लगाने के लिए पटना गृह विभाग द्वारा जिलास्तर 74 सायबर क्राइम एवं सोशल मीडिया का गठन किया गया है। जिसमें एक प्रोगामर, तीन डाटा सहायक और कंप्यूटर में दक्ष पुलिस निरीक्षक, तीन अवर निरीक्षक और दो सिपाही कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि विभिन्न जिलों में थानों की संख्या के आधार पर एक नई ईकाई का गठन किया गया है। आर्थिक अपराध ईकाई द्वारा 740 थानों में पांच दिवसीय और अन्य पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। इसके अलावा 11 सौ सायबर सेनानी व्हाट्स अप ग्रुप का गठन कर दो लाख सदस्यों की सहायता से आम लोगों को जागरुक किया जा रहा है। मंत्री जी ने साफ कर दिया है इसके लिए अलग से थाना शुरू किए जाने का आवश्यकता नहीं है
वहीं मामलें में अजय खेमका ने बताया कि आज बैंक खाता खुलवाकर, फर्जी मेल आईडी मेल बनाकर लोगों से पैसे ठगे जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सायबर क्राइम सेल का गठन करने के बावजूद इस पर रोक नहीं लग पा रही है। उन्होंने बताया कि इसका केंद्र झारखंड के जामतारा में हैं, जहां कई राज्यों की पुलिस ने रेड किया है। इस दौरान सदन के ध्यानाकर्षण काल में कुछ सदस्यों ने सायबर अपराध को लेकर अपने अनुभव भी साझा किए, जिस पर मंत्री जी ने कहा कि ऐसी ही जागरुकता से सायबर अपराध पर रोक लगाई जा सकती है।
पिछले चार साल में हुए सायबर क्राइम
2016-309
2017 -433
2018- 374
2019-1050