बिहार के मंत्री ने केंद्र सरकार पर लगाई आरोपों की झड़ी, कहा- बिहार में जाति गणना को लेकर भाजपा और केंद्र सरकार का चेहरा हुआ बेनकाब

पटना- बिहार सरकार के वित्त मंत्री और वरिष्ठ जेडीयू नेता विजय कुमार चौधरी ने  बिहार में जाति-आधारित जनगणना कराने के बिहार सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करने पर केंद्र सरकार की आलोचना की है. चौधरी पार्टी कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, पटना उच्च न्यायालय भी जाति-आधारित जनगणना के बिहार सरकार के विचार के साथ खड़ा है. उन्होंने मोदी सरकार पर वार करते हुए कहा कि केंद्र सरकार इस मामले में हस्तक्षेप कर रही है. केंद्र सरकार ने जाति जनगणना के मामले में सुप्रीम कोर्ट में जो किया है, वह न केवल हास्यास्पद है, बल्कि यह बिहार के गरीबों के लाभ के भी खिलाफ है.

बिहार सरकार के जाति आधारित सर्वेक्षण पर सुप्रीम कोर्ट को दिए जवाब में केंद्र सरकार ने सोमवार को अपने हलफनामे में कहा कि जनगणना कराने का अधिकार केवल उसे है. इस पर वित्तमंत्री  विजय कुमार चौधरी ने केंद्र सरकार पर करारा हमला करते हुए कहा कि जनगणना केंद्र सरकार का काम है, हम जनगणना नहीं बल्कि जाति आधारित सर्वेक्षण कर रहे हैं,उन्होंने कहा कि  यहां तक कि उच्च न्यायालय भी इसकी अनुमति देता है.उन्होनें  केंद्र सरकार से अपना रुख स्पष्ट करने को कहा.

बता दें गृह मंत्रालय के रजिस्ट्रार जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपे गए दो पेज के हलफनामे में कहा, जनगणना एक वैधानिक प्रक्रिया है और जनगणना अधिनियम 1948 द्वारा शासित होती है. जनगणना का विषय संविधान की सातवीं अनुसूची में प्रविष्टि 69 के तहत संघ सूची में शामिल है. हलफनामे के अंतिम पैराग्राफ में आगे कहा गया है कि कोई भी अन्य निकाय जनगणना या जनगणना के समान कोई कार्रवाई करने का हकदार नहीं है.

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वित्तमंत्री विजय चौधरी ने कहा है कि बिहार में जातीय गणना मामले में केंद्र सरकार और भाजपा दोनों का चेहरा बेनकाब हो चुका है. सुप्रीम कोर्ट में केंद्र का यह कहना कि वह न इसके पक्ष में न विपक्ष में, बड़ा ही हास्यास्पद और दुखद. इनका एक ही मकसद है कि येन केन प्रकारेण जातीय गणना रोकना है.