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BIHAR NEWS: सारण के 222 सरकारी व प्राइवेट स्कूलों के प्रधानों के खिलाफ कार्रवाई तय, इनमें जिला मुख्यालय के 70 स्कूल शामिल

BIHAR NEWS: सारण के 222 सरकारी व प्राइवेट स्कूलों के प्रधानों के खिलाफ कार्रवाई तय, इनमें जिला मुख्यालय के 70 स्कूल शामिल

छपरा: सरकार स्कूलों से विभिन्न प्रकार की डाटा इसलिए संग्रह करती है ताकि अगले बजट या फिर चालू वितीय वर्ष के लिए योजना तैयार कर सके और इसके लिए रूपया भी रिलीज कर सके पर इसमें स्कूलों के प्रधान सहयोग नहीं करते। वे हर साल भरे जाने वाले यू-डाइस प्रपत्र में लापरवाही बरतते हैं। वे स्कूल से संबंधित डाटा देते ही नहीं। ऐसे में विभागीय अफसरों को मुख्यालय की फजीहत झेलनी पड़ती है। सारण में 222 सरकारी व प्राइवेट स्कूलों की इसी लापरवाही को लेकर विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है। डीईओ और डीपीओ ने जहां लापरवाह प्राइवेट स्कूलों पर ताला जड़ने की तैयारी शुरू कर दी है, वहीं सरकारी स्कूलों के प्रधानों का वेतन बंद करने और संतोषपूर्ण जवाब नहीं देने पर सस्पेंड करने की कार्रवाई शुरू की है। 

सबसे अधिक लापरवाह जिला मुख्यालय के स्कूल

जो डाटा हाथ लगी है उसके अनुसार सबसे अधिक लापरवाह जिला मुख्यालय यानि सदर प्रखंड के स्कूलों के प्रधान हैं। केवल जिला मुख्यालय में 70 स्कूलों के हेडमास्टरों व प्रधानों ने अपनी रिपोर्ट नहीं दी है। इसमें यू-डाइस से लेकर अन्य जानकारियां शामिल हैं। इसके अलावा एकमा, जलालपुर, मशरक, नगरा, परसा व सोनपुर के स्कूल प्रधान व संचालक भी काफी लापरवाह हैं। इन प्रखंडों में भी यू-डाइस नहीं भरने वाले स्कूलों की संख्या काफी अधिक है।

सारण में स्कूलों की स्थिति

सारण में सरकारी हाई, प्लस टू, मिडिल, प्राइमरी व प्रस्वीकृति प्राप्त प्राइवेट स्कूलों की संख्या 3155 है। इनमें 2933 ने यू-डाइस प्रपत्र भरा है। वहीं 2757 की इंट्री कार्य पूरा कर ली गयी है जो कि 87 फीसदी के आस-पास है। कुछ स्कूलों की वजह से ही जिले का डाटा इंट्री के कार्य में काफी विलंब हो रहा है। ऐसे में 222 स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है। इनमें अमनौर के 02, बनियापुर के 01, छपरा के 70, दरियापुर के 02, दिघवारा के 08, एकमा के 20, गड़खा के 08, इसुआपुर के 05, जलालपुर के 25, मांझी के 03, मढौरा के 01, मशरक के 36, नगरा के 14, पानापुर के 07, परसा के 19, रिविलगंज के 01, सोनुपर के 25 और तरैया के 01 स्कूल शामिल हैं।

इस पूरे मामले पर डीइओ का कहना है कि रिपोर्ट समय पर नहीं देना सरकारी कार्य में बाधा डालना है। डाटा मिलेगा तभी तो योजनाएं तैयार होगी और राशि मिलेगी। सारण में जिन्होंने अभी तक यू डाइस जमा नहीं की है। उनके खिलाफ आदेश निकल रहा है। कार्रवाई तो होगी। जबकि डीपीओ राजन गिरि कहते हैं, कई बार रिमाइंडर के बावजूद यदि कोई रिपोर्ट नहीं देता है तो कार्रवाई के लिए बाध्य होना पड़ता है। डीईओ के आदेश पर कार्रवाई का आदेश जारी किया जा रहा है।


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