Bihar News: फोटोग्राफी के क्षेत्र में बनाना चाहते हैं कैरियर तो आपके पास है सुनहरा अवसर, नीरज कुमार ने बताई रोजगार की अपार संभावनाएं

Bihar News: फोटोग्राफी के क्षेत्र में बनाना चाहते हैं कैरियर

Bihar News: एक जमाना था जब फोटोग्राफी अमीरों का शौक हुआ करता था। या यूं कहें कि चंद लोगों के लिए रोजी - रोटी था। मगर जैसे - जैसे वक्त बदलता गया, लोगों का इसके प्रति नजरिया भी बदलता गया। बदलते जमाने के साथ फोटोग्राफी आसान और सस्ता होता गया। जहां अब हर कोई इसे मनोरंजन और विकल्प के रूप में देखने लगा है। सोशल मीडिया के दौर में अब फोटोग्राफी रोजगार का भी माध्यम बन गया है। इस क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। 

पेशे से फोटोग्राफर व एन के स्टूडियो के संचालक नीरज कुमार ने बताया कि युवाओं के लिए फोटोग्राफी एक अच्छा विकल्प है। उन्होंने कहा कि फोटोग्राफी में भी कई तरह के फोटोग्राफी हैं जैसे वेडिंग, वाइल्ड लाइफ, मीडिया, फ़िल्म, एंटरटेनमेंट आदि शामिल हैं जिनमें लोग महीने का लाखों रुपये तक कमा सकते हैं। फोटोग्राफी सीखने में लगने वाला औसत समय के बारे में नीरज ने बताया कि हर व्यक्ति  के सीखने की गति अलग-अलग होती है। कुछ लोग  6 महीने में ही सीख लेते हैं, लेकिन ज़्यादातर लोगों को कुशल बनने में 2 या 3 साल लग जाते हैं। 


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नीरज ने कहा कि एक पेशेवर फोटोग्राफर के रूप में अपना करियर बनाने के लिए पहले फोटोग्राफी सीखनी चाहिए और अपने तकनीकी कैमरा कौशल को विकसित करना चाहिए। साथ ही अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए अपने व्यवसाय और मार्केटिंग कौशल को भी विकसित करना चाहिए। ज्ञात हो कि नीरज फोटोग्राफी की दुनिया में एक जाना - पहचाना नाम बन चुके हैं। बचपन से ही फोटोग्राफी का शौक रखने वाले नीरज ने अपनी शुरुआत एक फ्रीलांस फोटोग्राफर के रूप में की। वर्षों संघर्ष करते हुए वो मीडिया के क्षेत्र में गए जहां उन्होंने अपने फोटोग्राफी के माध्यम से कई उपलब्धियां हासिल की। 

इसके बाद वर्ष 2007 में उन्होंने अपनी खुद की कंपनी एन के स्टूडियो खोली और धीरे - धीरे वो आगे बढ़ते चले गए। अब बिहार ही नहीं बल्कि पूरे भारत में फोटोग्राफी के क्षेत्र में नीरज एक उभरते हुए चेहरे के रूप में नजर आ रहे हैं। उन्होंने अपनी कंपनी के माध्यम से फोटोग्राफी का प्रशिक्षण देकर सैकड़ों लोगों को रोजगार मुहैया कराई है। नीरज ने कहा कि मेरा लक्ष्य युवाओं को इस क्षेत्र से जोड़कर उन्हें नए अवसर प्रदान करना है ताकि वो आत्मनिर्भर बन सकें।