MUZAFFARPUR : बिहार में पूर्ण शराबबंदी है। इसे सख्ती से लागू करने की जिम्मेदारी बिहार सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों के ऊपर भी दिया है ताकि बिहार में पूर्ण शराबबंदी को शत प्रतिशत सफल बनाए जा सके। लेकिन अब जो ताजा मामला सामने आया है। उसमें बिहार सरकार ने जिनके कंधों पर शराब बंदी का जिम्मा दिया था। अब वही शराब कारोबार में संलिप्त पाए गए हैं।
बता दें कि बीते दिनो मुज़फ्फरपुर उत्पाद विभाग की विशेष टीम ने जिले के पारू थाना क्षेत्र के फंदा गांव में स्थित एक सरकारी भवन से 135 कार्टन विदेशी शराब की बरामद की है। इस दौरान किसी शराब कारोबारी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। शराब भवन के अंदर एक कमरे में बौरे से ढककर छिपाई गई थी। भवन पर महिला विकास मंडल का बोर्ड लगा था। इसकी देखरेख की जिम्मेदारी चिंतामणपुर पंचायत की मुखिया पति मोती राम के पास थी।
टीम ने कमरे की तलाशी ली तो भवन के अंदर से यूपी निर्मित कई ब्रांड की शराब को जप्त किया गया। वही मामले को लेकर उत्पाद इंस्पेक्टर शिवेंद्र कुमार ने बताया कि जिले के पारू प्रखंड के एक सरकारी भवन में शराब की बडी खेप होने की सूचना मिली थी। जिसके बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए छापेमारी कर उक्त भवन से शराब जब्त की गई।
हालाँकि छापेमारी की भनक लगते ही रात में अंधेरे का फायदा उठाकर कारोबारी फरार हो गए। मामले में चिंतामणपुर पंचायत के मुखिया पति मोती राम, फंदा गांव का संदीप सिंह, नीतेश सिंह, मोहम्मद आबिद, रंजन सिंह, भिखनपुरा का जयनाथ राय, सरैया मधौल का विक्रम राय पर उत्पाद अधिनियम की धारा में अभियोग दर्ज किया गया है। धंधेबाजों की गिरफ्तारी को लेकर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
मुजफ्फरपुर से मणिभूषण की रिपोर्ट