PATNA: वक्त चाहे कोई भी हो, युवाओं का सरकारी नौकरी के प्रति क्रेज कभी कम नहीं होता। हर तरह की प्राइवेट नौकरियां एक तरफ और सरकारी नौकरी एक तरफ होती है। यदि किसी की सरकारी नौकरी लग जाए, तो घर-परिवार सहित समाज में उस व्यक्ति की इज्जत कई गुना बढ़ जाती है। इस तरह से समझ सकते हैं कि BPSC और BPSSC की परीक्षा कितनी अहमियत रखती है। अभ्यर्थी 16-18 घंटे पढ़ाई करते हैं, ताकि वह इस परीक्षा में उत्तीर्ण हो जाएं।
ऐसे में क्या हो, जब आपने सरकारी नौकरी के लिए आवेदन दिया हो, आपका परीक्षा परिणाम भी उम्मीद से बेहतर आय़ा हो, हर कैटेगरी के हिसाब से आप क्वालीफाई करने के योग्य हो, औऱ मेधा सूची में आपका नाम ही ना आए? हैरानी तो होगी ना। कुछ ऐसा ही हुआ है पटना सहित कई अन्य जिलों के बीपीएसएससी अभ्यर्थियों के साथ। जहां अभ्यर्थियों के अंक कटऑफ से ज्यादा आने के बाद भी वह अंतिम मेधा सूची से बाहर हैं।
कब-कब ली गई परीक्षाएं
बीपीएसएससी आयोग द्वारा विज्ञापन संख्या 01/ 2019 के तहत बिहार दारोगा, असिस्टेंट जेलर तथा सार्जेंट के पदों के लिए आवेदन स्वीकृत किए गए थे। 2446 पदों पर बहाली के लिए करीब 5.85 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। इसकी प्रारंभिक परीक्षा 22 दिसंबर, 2019 को हुई थी। संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा का परिणाम 28 जनवरी 2020 को जारी किया गया था। मुख्य परीक्षा 29 नवंबर, 2020 को ली गई थी। इसके बाद फिजिकल एफिशिएंसी टेस्ट 22 मार्च, 2021 से लेकर 12 अप्रैल 2021तक आयोजित किए गए।
क्या है यह पूरा मामला
मुख्य परीक्षा के अंकों के आधार पर 17 जून 2021 को मेधा-सूची जारी की गयी। वहीं अभ्यर्थियों का अंक-पत्र 1 अगस्त, 2021 को प्रकाशित किया गया। यहां मामला यह है कि काफी सारे अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिनके नंबर कटऑफ से ज्यादा आएं हैं, फिर भी वैसे अभ्यर्थियों को अंतिम परिणाम की मेधा सूची से बाहर रखा गया, और उन्हें ‘नॉट सेलेक्टेड’ करार दिया गया। ऐसे भी कई अभ्यर्थी फंस गए है, क्योंकि सभी मापदंड पूरे करने के बावजूद जब इन्हें बाहर कर दिया। अब अभ्यर्थियों की परेशानी यह है कि वह अपने साथ हो रहे इस अनुचित व्यवहार की शिकायत कहां करें, क्योंकि सुनने वाला भी कोई नहीं है।
क्या है पीड़ित छात्रों की मांग
इस संबंध में कई अभ्यर्थी आयोग के पास भी पहुंचे, हालांकि उस तरफ ना तो कोई स्पष्टीकरण आया, औऱ ना ही कोई जवाब। ऐसी भी खबरें आ रही हैं कि कम नंबर वाले अभ्यर्थियों को भर्ती कर लिया गया है, और इन्हें छोड़ दिया गया। अब अभ्यर्थियों की यही मांग है कि बीपीएसएसी इनकी शिकायतों पर ध्यान दें औऱ ओएमआर शीट और आंसर की जारी करें। अन्यथा अनके पास आंदोलन औऱ धरना देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।