DARBHANGA : 32 साल पुराने अपहरण केस में जेल भेजे गए पप्पू यादव एक बार फिर से पटना आ सकते हैं। बताया जा रहा है कि उनकी खराब सेहत को देखते हुए बेहतर इलाज के लिए उन्हें पटना भेजा जा सकता है। फिलहाल पप्पू यादव को दरभंगा मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। जहां चार दिन बाद डॉक्टरों की सलाह पर उन्होंने अपना भूख हड़ताल खत्म किया। अब यहां के डॉक्टरों ने उन्हें पटना रेफर करने की सलाह दी है।
बता दें कि बीते 11 मई को पप्पू यादव को उनके पटना आवास से गिरफ्तार किया गया था। शुरू में पुलिस ने बताया कि उन पर लॉकडाउन के उल्लंघन का आरोप है। बाद मे, पुलिस ने पुष्टि की कि उन्हें मधेपुरा में 32 साल पहले हुए अपहरण कांड में गिरफ्तार किया गया है। जिसके बाद आनन फानन में पप्पू यादव को आधी रात में मधेपुरा कोर्ट में सुनवाई कर सुपौल जेल भेज दिया गया। जहां उनकी तबीयत खराब होने के बाद दरभंगा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। इस बीच भूख हड़ताल के कारण उनकी सेहत और खराब हो गई। खुद पप्पू यादव के आधिकारिक अकाउंट से ट्वीट कर बताया गया है कि उन्हें किडनी और हार्ट की दिक्कत के अलावा सांस लेने में भी समस्या हो रही है। जिसके बाद अब उन्हें पटना रेफर करने की बात कही जा रही है।
लोगों की सेवा करने की अपील
वहीं उन्होंने अपने समर्थकों से कहा है कि कोरोना मरीजों की सेवा में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। इससे पहले उन्होंने कोरोना मरीजों की मदद करने वालों की जांच कराने को लेकर सरकार पर तंज कसा। पूर्व सांसद ने कहा कि ऑक्सीजन, रेमडेसिविर, बेड, वेंटिलेटर, आइसीयू और खाना नहीं मिलने से लोग मर रहे हैं, लेकिन इसकी कोई जांच सरकार नहीं करा रही है। उल्टे जो मददगार बन रहा है, उसे ही परेशान किया जा रहा है।
भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी से हुआ था विवाद
पप्पू यादव की गिरफ्तारी से कुछ ही दिन पहले सारण में सांसद निधि से खरीदी गई एंबुलेंस को बेकार पड़ा रहने का मसला उठाने के बाद उनके और भाजपा के सारण सांसद राजीव प्रताप रूडी के बीच तकरार हुई थी। उनके सहयोगी गिरफ्तारी को इसी मामले से जोड़ रहे हैं। हालांकि पुलिस इस आरोप का खंडन करती है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में पूर्व सांसद के खिलाफ कोर्ट से वारंट जारी था।