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बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने छुट्टियों में कटौती को लेकर सीएम नीतीश को लिखा पत्र, श्रम कानून का बताया उल्लंघन

बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने छुट्टियों में कटौती को लेकर सीएम नीतीश को लिखा पत्र, श्रम कानून का बताया उल्लंघन

PATNA : स्कूलों की आगामी वर्ष 2024 हेतु निर्गत अवकाश तालिका में पूर्व से होती आ रहीं महत्वपूर्ण त्योहारों एवं ग्रीष्मावकाश जैसी छुट्टियों की कटौती कर दी गयी हैं। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने निर्गत वर्ष 2024 की अवकाश तालिका में छुट्टियों की कटौती के आदेश को श्रम कानून का उल्लंघन बताया है। इससे पूर्व भी महत्वपूर्ण त्योहारों एवं जयंतियों पर स्कूलों को मिलने वाली छुट्टियां खत्म करने की कार्रवाई की गयी थी जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हस्तक्षेप के बाद पुनः पूर्ववत बहाल की गयीं थीं।

बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव व पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिख कर कहा है कि नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने की आपकी सदिच्छापूर्ण घोषणाओं के बावजूद कार्यरूप देने में बहुत विलंब किया जा रहा है। दूसरी ओर आपके आदेश के प्रतिकूल स्कूलों को पूर्व से मिलती आ रहीं नव वर्ष, मकर संक्रांति, रामनवमी, मई दिवस, अंतिम श्रावणी सोमवार, रक्षाबंधन, विश्वकर्मा पूजा, तीज, अनंत चतुर्दशी, जिउतिया, कार्तिक पूर्णिमा, दुर्गा पूजा कलश स्थापन, छठ पूजा खरना जैसे महापर्वों की घोषित छुट्टियों को रद्द कर एक विशेष धर्मिक समुदाय की आस्था पर चोट पहुंचाई जा रही है। शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने मुख्यमंत्री को कहा है कि महापुरुषों की जयंतियों के मौके पर शिक्षकों द्वारा बच्चों के बौद्धिक विकास को दृष्टि में रखते हुए स्कूलों में महापुरुषों के जीवन और अवदान पर चर्चा की - करायी है। शिक्षकों के ग्रीष्मावकाश को शिक्षक - अभिभावक बैठक के नाम पर रद्द करना सरासर अव्यवहारिक है क्योंकि शिक्षक तीसों दिन अभिभावकों के साथ बैठक भला क्योंकर करेंगे।

शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा है कि निर्गत अवकाश तालिका राज्यकर्मियों के अनुरूप नहीं है। एक तरफ राज्यकर्मियों के लिए वर्ष 2024 में सामान्य अवकाश 35 दिन, ऐच्छिक अवकाश 03 दिन एवं अर्जित अवकाश 33 दिन, कुल मिलाकर 71 दिनों का प्रावधान किया गया है। दूसरी तरफ शिक्षकों के लिए सामान्य अवकाश मात्र 18 दिन एवं अर्जित अवकाश 11 दिन, कुल मिलाकर मात्र 29 दिनों का प्रावधान किया गया है। ग्रीष्मावकाश एवं जयंतियों में होने वाली छुट्टियों से शिक्षकों व कर्मियों को सुविधा से वंचित कर दिया गया है। सरकार से हमारी मांग है कि शिक्षकों के लिए भी 33 दिनों का अर्जित अवकाश का प्रावधान किया जाय।

शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा है कि बिहार शिक्षा संहिता की धारा 235 में 03 दिनों का निरीक्षण अवकाश के प्रावधान के आलोक में वर्षों से उक्त अवकाश देय होते आ रहे हैं। लेकिन उक्त अवकाश को भी समाप्त कर दिया गया है। साथ ही शनिवार को विद्यालय पूर्णकालिक दिवस में संचालित नहीं होता था। लेकिन इस बार शनिवार को भी पूर्णकालिक संचालित करने का आदेश जारी किया गया है जो व्यवहारिक प्रतीत नहीं होता है। शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने मुख्यमंत्री से आशा व्यक्त करते हुए यह मांग की है कि पूर्व के अनुरूप पुनः सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए राज्य हित में उक्त छुट्टियों में की गयी कटौती को संशोधित करने का आदेश दें।

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