PATNA: बिहार में बीजेपी एक बार फिर से लाल झंडा का भय दिखाकर मगध क्षेत्र के वोटरों को गोलोबंद करने में जुटी है। पार्टी की यह रणनीति है कि मगध क्षेत्र में लाल झंड़ा का खूब चर्चा की जाए ताकि लोग वो दिन याद कर फिर से भाजपा-जेडीयू को समर्थन कर दें और हमारी बात बन जाये। लिहाजा बीजेपी-जेडीयू की यह रणनीति है कि लालू झंडेको खूब प्रचारित किया जाए।बीजेपी ने इस पर पूरे तौर पर काम भी शुरू कर दिया है और उन इलाकों में नेताओं को लाल एजेंडे पर काम करने की खास हिदायत दी गई है जहां भाकपा माले का उम्मीदवार है।
दरअसल इस बार भी मध्य और दक्षिण बिहार के मतदाताओं मेंं बीजेपी को लेकर भारी आक्रोश है। बीजेपी के परंपरागत वोटर अब तक भाजपा से खासे नाराज हैं। पार्टी ने इस नाराजगी को भांप लिया है और नई चाल चली है।बीजेपी के नेता अब वो दिन याद करा रहे हैं। बीजेपी नेता कह रहे हैं कि यह कैसा गठबंधन है?बीजेपी कह रही कि,जो मार्क्सवादी-लेनिनवादी दल केवल वर्ग-संघर्ष को ही समाज की रचना बदलने का रास्ता मानते हैं, उनके साथ राजद का, कहें तो कांग्रेस का गठबंधन है। इनकी पॉलिटिक्स क्या है?
जहानाबाद-आरा-अरवल के लोगों ने देखा है असली रूप
बिहार बीजेपी प्रभारी भूपेन्द्र यादव कहते हैं कि बिहार के लोगों ने वो दौर देखा है,जब गया,जहानाबाद,अरवल और आरा में माले का असली रूप देखा है।इसी माले के साथ आज राजद-कांग्रेस का गठबंधन है।बिहरा के उग्रपंथी का मानना है कि समाज की सचना को बदलने का रास्ता सिर्फ वर्ग संघर्ष है।माले के पास कौन सी विचारधार और तस्वीर है?
भाजपा जेडीयू को माले से है कड़ी शिकस्त
बता दें कि,इस बार भाकपा माले का राजद से गठबंधन है।राजद ने समझौते के तहत 19 सीटें दी है।इनमें मगध और भोजपुर की कई सीटें मिली है। इन सीटों पर माले की तरफ से भाजपा-जेडीयू को कड़ी शिकस्त मिल रही है।खासकर पटना जिले का पालीगंज,अरवल सीट पर तो भाजपा-जेडीयू बुरी तरह से फंसी हुई है।रही सही कसर लोजपा ने पूरी कर दी है।लिहाजा भाजपा अब लाल झंड़ा का भय दिखाना शुरू कर दी है ताकि नाराज वोटर फिर से हमारे साथ जुड़ सकें।