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BJP की भविष्यवाणीः 'जदयू- राजद का विलय भी तय और JDU नेताओं का 'तेजस्वी' की पालकी ढोना भी तय', 'नीतीश' ने 'कुशवाहा' को भी धोखा दिया

BJP की भविष्यवाणीः 'जदयू- राजद का विलय भी तय और JDU नेताओं का 'तेजस्वी' की पालकी ढोना भी तय', 'नीतीश' ने 'कुशवाहा' को भी धोखा दिया

PATNA: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐलान कर दिया है कि 2025 का विधानसभा चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ेंगे। साथ ही बिहार के राजनीतिक गलियारे में एक गंभीर चर्चा जेडीयू-राजद के विलय को लेकर है। विय की खबर से जेडीयू के अंदरखाने भूचाल है। उपेन्द्र कुशवाहा ने तो खुलकर विरोध किया है। इधर, जेडीयू के भीतर बवाल से भाजपा काफी खुश है। भाजपा ने कहा है कि "जदयू- राजद विलय भी तय है और जदयू नेताओं का तेजस्वी की पालकी ढोना भी तय है। "

नीतीश की 'स्वयंभू' राजनीति की यही परिणति- स्वयं से लेकर स्वयं तक

भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री एवं बिहार भाजपा प्रवक्ता डॉ० निखिल आनंद ने नीतीश कुमार द्वारा 2025 तक राजनीतिक संन्यास लेने और तेजस्वी को आगे बढ़ाने के इशारे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा की नीतीश कुमार की 'स्वयंभू' राजनीति की यही परिणति है- स्वयं से लेकर स्वयं तक। समता से लेकर जदयू के आज तक की राजनीति में नीतीश कुमार ने पार्टी में खड़े हर सक्षम नेतृत्व को साजिश कर खत्म किया और उभरते हुए नेतृत्व की धार को कुंद कर खत्म दिया। निखिल आनंद कहा कि जदयू-राजद विलय की खबर से उपेंद्र कुशवाहा की तकलीफ स्वाभाविक है, क्योंकि वे नीतीश- ललन सिंह से ज्यादा ईमानदार समाजवादी है। उपेंद्र जी समाजवादी मूल्यों वाले व्यक्ति हैं, जबकि नीतीश जी देश की राजनीति के 'सबसे बड़े परजीवी' नेता है जो अपने वजूद के लिए किसी की गोदी में बैठ सकते हैं।

नीतीश ने कुशवाहा को भी ठगा-बीजेपी

बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने जदयू की राजनीति के अंत की भविष्यवाणी करते हुए कहा कि नीतीशजी ने उपेंद्र कुशवाहा को ठगकर रालोसपा खत्म कराया। अब राजनीतिक चौराहे पर ले आकर उपेंद्र जी को तेजस्वी यादव की पालकी ढोने को कह रहे हैं। क्या उपेंद्र कुशवाहा जैसे खुद्दार नेता राजद का झोला- झंडा उठाएंगे और तेजस्वी यादव की पालकी ढोएंगे? फिर यह सवाल जदयू के कुछ बचे हुए स्वाभिमानी नेताओं, कार्यकर्ताओं, सांसदों और विधायकों से भी हैं कि क्या वे तेजस्वी यादव का पिछलग्गू बनकर राजनीति करने को तैयार है? निखिल ने कहा कि नीतीश जी के समता पार्टी से जदयू तक के सफर में जिसने भी उनकी उंगली पकड़ मदद किया, उन्होंने सबको ठिकाने लगाया। जॉर्ज, शरद, आरसीपी से लेकर भाजपा तक को नहीं छोड़ा, धोखा दिया।

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