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'नीतीश' के खास मंत्री से BJP के 'विजय' ने पूछा- 2013 में NDA से क्यों हुए थे अलग ? पलटी मारने के कारण ही तो लालू जी ने 'नीतीश जी' का नाम 'पलटू राम' रखा

'नीतीश' के खास मंत्री से BJP के 'विजय' ने पूछा- 2013 में NDA से क्यों हुए थे अलग ? पलटी मारने के कारण ही तो लालू जी ने 'नीतीश जी' का नाम 'पलटू राम' रखा

पटना. जदयू नेता और नीतीश सरकार के मंत्री बिजेंद्र प्रसाद पर नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि बिजेंद्र बाबू को यह भी बताना चाहिए कि 2013 में जदयू एनडीए से क्यों अलग हुई? दरअसल, बिजेंद्र यादव ने कहा था कि विजय सिन्हा और संजय जायसवाल की वजह से नीतीश कुमार को एनडीए छोड़ना पड़ा। इस पर तंज कसते हुए विजय सिन्हा ने उन पर पलटवार किया।

विजय सिन्हा ने कहा कि 24 अगस्त 2022 को विश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए मुख्यमंत्री सदन में अलग होने का कुछ अन्य कारण बताये थे। उन्होंने कहा था कि बिहार में भाजपा नेताओं से उन्हें कोई दिक्कत नहीं थी। अब बिजेंद्र बाबू कुछ अलग कह रहे हैं तो क्या मुख्यमंत्री जी ने उन्हें यह बताया? विजय सिन्हा ने कहा कि पूरा बिहार जानता है कि मुख्यमंत्री जी प्रधानमंत्री बनने का झूठा सपना देखने के कारण बार-बार उलट-पुलट करते रहते हैं। लालू प्रसाद जी ने इसलिए उनका नाम पलटू राम रख दिया था। मुख्यमंत्री जी ने वर्ष 2013, 2017 एवं 2022 में जदयू के किसी भी सदस्य से पलटने के पूर्व विमर्श नहीं किया था। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से ईर्ष्या करते हैं।

विजय सिन्हा ने कहा कि मंत्री या अध्यक्ष के रूप में उन्होंने श्रम मंत्रालय अथवा बिहार विधानसभा में भ्रष्टाचार, भाई भतीजा वाद एवं कुकर्मों पर कड़ा प्रहार किया था। इसके कारण मुख्यमंत्री जी असहज दिख रहे थे। विभागीय मंत्री के रूप में भ्रष्ट पदाधिकारीयों का स्थानांतरण, एमकेसीएल जैसे कालीसूची में दर्ज कंपनियों द्वारा घोटाला एव उनपर कार्रवाई के मामलों में मैंने संचिका के माध्यम से जो कार्रवाई कि वह मुख्यमंत्री जी के स्तर पर रोक कर रख लिया गया। भवन सनिर्माण  एवं कर्मकार कल्याण बोर्ड में मजदूरों के भलाई के लिए वार्षिक चिकित्सा अनुदान जैसी लोकप्रिय स्कीम मैंने ही शुरू किया। आज हजारों करोड़ों रुपये के फंड रहने के बावजूद मुख्यमंत्री जी के इसारे पर बंद कर दिया गया।

बिहार विधान सभा सचिवालय में भारी घोटाला कर रहे आउटसोर्सिंग कंपनी, बहाली में भ्रष्टाचार एवं सरकारी संपत्ति की खुली लूट मामलों का भी मैंने संज्ञान लिया था। मैंने आउटसोर्सिंग कंपनियां की सेवा समाप्त कर प्रति वर्ष 70 से 80 लाख का गलत भुगतान को खत्म कर दिया। सत्ता के शीर्ष पर बैठे मठाधीश लोग इस से भलीभांति अवगत है। सैकड़ों फर्राश, मेहतर, स्वीपर, माली, परिचारी को बहाल कर उनसे काम नहीं कराया जा रहा था।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पूरा देश ने लाइव देखा कि भ्रष्ट एवं पक्षपात करने वाले अधिकारी को बचाने के लिए किस प्रकार सदन नेता विधानसभा संचालन के क्रम में मुझ पर चिल्ला रहे थे। किस संविधान में यह लिखा है कि अध्यक्ष का अपमान सदन में किया जाए? आज वास्तविकता यही है कि अपने दल द्वारा नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेवारी दिए जाने पर मैं पूरी जवाबदेही से सरकार की असफलता, भ्रष्टाचार एवं मनमानी को उजागर कर रहा हूं। हत्या, लूट, बलात्कार की अचानक वृद्धि से राज्य की जनता परेशान है। राज्य में तीन उपचुनाव में से दो उप चुनाव भाजपा ने प्रधानमंत्री जी के जनकल्याण नीतियों और सुशासन के कारण जीत हासिल की है। मुख्यमंत्री जी की पार्टी आठ पार्टियों के साथ गठबंधन कर लड़ने के बाद कुढ़नी में पराजित हुई। इसी सबके कारण ये लोग मेरे बारे में अनाप-शनाप बोल रहे हैं।

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