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BREAKING- सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला- श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद: ईदगाह परिसर के सर्वे पर नहीं लगेगी रोक, मुस्लिम पक्ष को झटका

 BREAKING- सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला- श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद: ईदगाह परिसर के सर्वे पर नहीं लगेगी रोक,  मुस्लिम पक्ष को झटका

दिल्ली-  सुप्रीम कोर्ट ने मथुरा में स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद में बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि ईदगाह परिसर के सर्वे पर  रोक नहीं लगेगी. मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.देश की सबसे बड़ी अदालत के फैसले से मुस्लिम पक्ष को झटका लगा है.बता दें 14 दिसंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटे ईदगाह परिसर के सर्वे को मंजूरी दी थी. हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। कोर्ट के फैसले से मुस्लिम पक्ष को झटका लगा है .

पूरा विवाद 13.37 एकड़ जमीन के मालिकाना हक को लेकर है. इस जमीन के 11 एकड़ में श्रीकृष्ण जन्मभूमि है तो वहीं बाकी बचे 2.37 एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी है. दोनों एक-दूसरे लगी हैं. इसको लेकर वर्षों से विवाद चला आ रहा है. हिंदू पक्ष पूरी जमीन श्रीकृष्ण जन्मभूमि की होने का दावा कर रहा है तो वहीं मुस्लिम पक्ष इसे गलत बता रहा है. काशी की जाननवापी मस्जिद की तरह इस मंदिर-मस्जिद का विवाद भी काफी पुराना है. जानकार बताते हैं कि इस विवाद की शुरुआत 350 साल पहले हुई थी, औरंगजेब का शासन हुआ करता था. साल 1670 , जब दिल्ली की गद्दी पर बैठे औरंगजेब ने मथुरा की श्रीकृष्ण जन्मस्थान को तोड़ने का आदेश जारी किया था. इसके एक साल पहले ही काशी के मंदिर को तोड़ा गया था. बादशाह का आदेश मिलते ही मंदिर को तुरंत धराशायी कर दिया गया था. इसी जमीन पर फिर शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण कराया गया था. 

मस्जिद बनने के बाद ये जमीन मुसलमानों के हाथ में चली गई थी। करीब 100 तक यहां हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. 1770 के समय मुगल-मराठा युद्ध हुआ। इस युद्ध में मराठों के हाथ बाजी लगी. इसके बाद उन्होंने यहां फिर से मंदिर बनाया दिया था. मंदिर धीरे-धीरे कमजोर होता गया। एक बार भूकंप की चपेट में आने के कारण ये मंदिर पूरी तरह से ध्वस्त हो गया था. 19वीं सदी में अंग्रेज मथुरा पहुंचे और 1815 में इस जमीन को नीलाम कर दिया था. उस समय काशी के राजा ने इस जमीन को खरीद लिया था। राजा की इच्छा यहां मंदिर बनवाने की थी, लेकिन मंदिर बन नहीं सका था. 100 साल तक ये जगह खाली पड़ी रही। इसके बाद फिर विवाद शुरू हो गया. 

सबसे पहले इस केस में रंजना अग्निहोत्री नामक महिला ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर याचिका दायर करके सनसनी फैला दी थी. याचिका में महिला ने सर्वे के लिए कमिश्नर की नियुक्ति की मांग की थी. इसके बाद कोर्ट में ईदगाह मस्जिद के सर्वे को लेकर कई मामले दायर हुए हैं. हाईकोर्ट में इस समय ईदगाह मस्जिद को लेकर 18 याचिका दायर हैं, जिन पर सुनवाई चल रही है. गुरुवार को हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के बाद हिंदू पक्ष को बड़ी राहत मिली है. कृष्ण जन्मभूमि मामले में हाईकोर्ट के फैसले पर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा है कि इलाहाबाद HC ने हमारे आवेदन को स्वीकार कर लिया है, जहां हमने अधिवक्ता आयुक्त द्वारा (शाही ईदगाह मस्जिद) के सर्वेक्षण की मांग की थी. सर्वे कैसे और कब से शुरू होगा? ये 18 दिसंबर को तय किया जाएगा. उन्होंने कहा, शाही ईदगाह मस्जिद के तर्कों को खारिज कर दिया है.

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