PATNA : पिछले सप्ताह हुए बीपीएससी की 67वीं प्रारंभिक परीक्षा पेपर लीक (BPSC PT Paper Leak) मामले में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने अभी तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। ईओयू की टीम ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिसमें कृषि विभाग का एक क्लर्क शामिल है। वहीं पेपर लीक करनेवालों में एनआईटी के एक छात्र को गिरोह का सरगना बताया गया है। जिसका नाम आनंद गौरव बताया गया है। वहीं गिरोह में शामिल अन्य सदस्यों के नाम भी पुलिस ने उजागर कर दिये है।
आर्थिक अपराध इकाई (Economic Offences Unit) के एडीजी नैयर हसनैन खान ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया है कि पेपर लीक का सरगना आनंद गौरव है उर्फ पिंटू यादव है, जो पटना एनआईटी से स्नातक पास आउट है। जांच टीम ने बताया कि आनंद गौरव इंजीनियरिंग करने के बाद से ही इस धंधे में संलिप्त रहा है।
पूर्व मे वह 2015 में यूपी के इलाहाबाद में अध्यापक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार हुआ था तथा 2020 में मुंगेर जिले में एक हत्या के मामले में मुख्य अभियुक्त है। एसआईटी ने बताया आनंद पटना के कदमकुआं में रहता था तथा वहीं से अपना गिरोह संचालित करता था। यहां उसने अपना कंट्रोल रूम भी बना रखा था। जब टीम जांच के लिए उसके आवास पर पहुंची तो वहां से दो लाख कैश, 152 जीपीएस डिवाइस, 7 वॉकी टॉकी, 47 जीपीएस रिलेटेड स्पाई डिवाइस बरामद किए गए।
कृषि विभाग के अधिकारी की बड़ी भूमिका
सरगना तक पहुंचने के लिए ईओयू को सबसे बड़ा सुराग कृषि विभाग के एक अधिकारी से मिला। बताया गया कि यह अधिकारी उस गिरोह का सदस्य था। जो पेपर लीक में शामिल था। नैयर हसनैन खान ने बताया कि कृषि भवन में 2018 से कार्यरत राजेश कुमार पिता अर्जुन प्रसाद (39 साल) भागलपुर के सजौर निवासी की बड़ी भूमिका थी। फिलहाल वह पटना के शास्त्रीनगर में गांधीमूर्ति के पास किराए पर रहता था।
वहीं गिरोह के तीन अन्य सदस्यों का खुलासा करते हुए ईओयू ने बताया कि सीवान के गोरेयाकोठी के रहनेवाले निशिकांत कुमार राय (33), वैशाली के राजापाकड़ निवासी कृष्ण मोहन सिंह (41) और औरंगाबाद के सुधीर कुमार सिंह भी इस गिरोह का हिस्सा थे।