BREAKING : चारा घोटाला में CBI कोर्ट ने सुनाई सबसे बड़ी सजा, 124 आरोपियों पर आया 27 साल बाद आया फैसला

पटना/रांची. चारा घोटाला के एक मामले में सोमवार को रांची की अदालत में 124 लोगों पर फैसला सुनाया. इसमें 52 दोषियों को 3 साल की सजा सुनाई गई है जबकि 35 को बरी कर दिया गया है. वर्ष 1996 में चारा घोटाले के मामले में दर्ज हुआ यह मामला कांड संख्या 48/96 था. 36 करोड रुपए से ज्यादा की अवैध निकली से जुड़े इस मामले में करीब 27 वर्ष बाद फैसला आया है. इस दौरान 62 लोगों की ट्रायल के दौरान ही मौत हो चुकी है. चारा घोटाले से जुडी इन्हीं मामलों में राजद सुप्रीमो लालू यादव को कोर्ट ने दोषी करार दिया था. 

कुल 124 आरोपितों में 16 महिलाएं भी शामिल हैं। इस मामले में आठ कोषागार पदाधिकारी और 86 आपूर्तिकर्ता भी आरोपित हैं। इसमें सबसे उम्रदराज आरोपित तत्कालीन जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. गौरी शंकर प्रसाद हैं, जिनकी उम्र 90 वर्ष हो रही है. 36 करोड़ 59 लाख की अवैध निकासी से जुड़ा यह मामला 29 साल पुराना है. आरोपियों में अधिकारी, पशु चिकित्सक व सप्लायर शामिल हैं. इसमें पूर्व विधायक गुलशन लाल आजमानी के अलावा कोई राजनेता नहीं है.

 52 दोषियों को 3 साल की सजा सुनाई गई. जबकि, बाकी बचे आरोपियों के फैसले पर सुनवाई चल रही है. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने 24 जुलाई को सभी पक्षों की सुनवाई पूरी होने के बाद फैसले की तिथि निर्धारित की थी. फैसले की तिथि पर उक्त सभी आरोपियों को सशरीर उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया था. 

Nsmch
NIHER

डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी वर्ष 1990-91 व 1994-95 की अवधि में फर्जी आवंटन पत्र के आधार पर हुई थी. इसमें राजद सुप्रीमो लालू यादव पहले ही सजायाफ्ता हो चुके हैं. अब शेष बचे आरोपियों पर आज कोर्ट ने सजा सुनाने की प्रक्रिया शुरू की है. इसमें 52 दोषियों को 3 साल की सजा सुनाई गई है. शेष की सजा सुनाई जा रही है.