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बिहार में फिर गिरा पुल, अररिया में करोड़ों की लागत से बना ब्रिज ध्वस्त, बकरा नदी पर बना था पड़रिया घाट पुल

बिहार में फिर गिरा पुल, अररिया में करोड़ों की लागत से बना ब्रिज ध्वस्त, बकरा नदी पर बना था पड़रिया घाट पुल

पटना. बिहार में एक बार फिर से पुल हादसा हुआ है. अररिया जिले में मंगलवार को बकरा नदी पर बन रहा पड़रिया पुल नदी में समा गया. जिस पुल पर आवागमन के लिए वर्षों से लोग प्रतीक्षारत थे वह निर्माण के क्रम में ही ध्वस्त हो गया. बताया जा रहा है कि 12 करोड़ की लागत से बन रहा पड़रिया पुल बन रहा था जिसका तीन पाया नदी में समा गया है. यह पुल जिले के सिखटी प्रखंड व कुर्साकाटा प्रखंड को जोड़ने वाला था. 

कहा जा रहा है कि विभागीय लापरवाही व संवेदक की अनियमितता पूर्वक कार्य के कारण मंगलवार को पुल बकरा नदी के गर्भ में समा गया. बकरा नदी व कुर्साकाटा के बीच डोमरा बांध पर इस पुल का निर्माण हो रहा था, उक्त पुल के निर्माण को लेकर हाल के दिनों में ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता को स्थानीय विधायक विजय कुमार मंडल ने ले जाकर कार्य दिखाया था. यह बात भी हुई थी कि बाढ़ से पूर्व पुल के और नदी के दोनों साइड में कटावरोधी कार्य किये जायेंगे, बहरहाल बातें तो बातें ही रह गई ना तो कटावरोधि कार्य हीं हुआ ना हीं पुल के निर्माण को लेकर संवेदक हीं जवाबदेह हुये.

विभागीय अधिकारी व संवेदक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज : स्थानीय भाजपा विधायक विजय कुमार मंडल की मानें तो संवेदक द्वारा रात के अंधेरे में पुल का निर्माण व पाइलिंग कार्य किया जाता था, पुल का अगर पाइलिंग सही होता तो उसका तीन से चार पाया बकरा नदी के गर्भ में नहीं समाता. उन्होंने विभागीय अधिकारी व संवेदक के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की है, उन्होंने यहां तक कहा है कि तत्काल संवेदक व विभागीय कार्यपालक अभियंता व विभागीय अधिकारी के विरुद्ध प्राथमिक की दर्ज कर विधि सम्मत कार्रवाई की जाये.

सिकटी प्रखंड के कौआखों  पंचायत के पैक्स अध्यक्ष विकास कुमार यादव भी वहां पर मौजूद थे व उन्होंने बताया कि पुल निर्माण में  अनियमितता बरती गई, जिसका परिणाम है कि पुल बाढ़ का पहला पानी भी नहीं झेल पाया, अब परेशानी की बात यह है कि इतनी  लागत से पुल का निर्माण होता है, पुल धराशाई हो जाता है, बावजूद कार्रवाई नहीं होती है, इससे संवेदक  व विभागीय अधिकारों का मनोबल काफी ऊंचा है, उन्होंने अपने समस्त ग्रामीणों की तरफ से मांग की है कि तत्काल हीं विभागीय अधिकारी व संवेदक के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाये.





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