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सी ग्रेड के नेता नीतिश कुमार ने लोकतंत्र को किया शर्मसार – तेजस्वी, 26 को बिहार बंद का ऐलान

सी ग्रेड के नेता नीतिश कुमार ने लोकतंत्र को किया शर्मसार – तेजस्वी, 26 को बिहार बंद का ऐलान

पटना। बिहार में 23 मार्च को विधानसभा में विपक्ष विधायकों की पिटाई से उपजा सियासी बवाल कम होता नजर नहीं आ रहा है। विशेषकर तेजस्वी यादव इस मामले में बिहार सरकार पर लगातार हमलावर रूख अपनाए हुए हैं। जिसमें सारी भाषायी मर्यादा को उन्होंने लांघ दिया है।  गुरुवार को आयोजित एक प्रेस वार्ता में तेजस्वी यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सी ग्रेड का नेता करार देते हुए निर्लज्ज और लोकतंत्र को शर्मसार करनेवाला नेता करार दिया है। इस दौरान शुक्रवार को बिहार बंद की भी बात उन्होंने कही

तेजस्वी यादव यहीं पर नहीं रूके। उन्होंने कहा कि विधानपरिषद में भी सीएम ने गुंडों जैसी बातें करते हैं।  बंदूक के नोक पर बिल पास कराकर पुलिस और अधिकारी को क्लीन चिट देते हैं। अपने एक्ट को पुलिस खुद पारित करा रही है। उन्होंने कहा कि लोहिया के जन्मदिन और भगत सिंह के शहादत दिवस पर सरकार का बिल लाना उनकी मानसिकता दिखाती है। तार्किक प्रश्न का जबाब सरकार ने सही तरीके से नही दिया गया। मंत्री ने भी बहस का स्तर गिराने का काम किया है। भगत सिंह के शहादत दिवस के दिन अंग्रेजों के कानून लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से सफेद कपड़ों में पुलिस के गुंडों ने सदन में मारपीट की, उसके बाद उन्हें बिहार पुलिस की जगह जदयू पुलिस कहना बेहतर होगा।

चोर दरवाजे से बैठे कुर्सी पर

नीतीश कुमार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि जनता ने उन्हें नकार दिया है। 71 सीट से 40 सीट पर पहुंच गए। यह तो दरवाजे से कुर्सी पर बैठ गए हैं। जदयू सी ग्रेड की पार्टी और सी ग्रेड के नेता नीतिश कुमार है जदयू इसलिए 3 नम्बर पार्टी बन गई है जनता सबकुछ देख रही है। संख्या गिनाने वाले लोग बाहर जाकर ताकत दिखाएगी

पहले भी हुआ अध्यक्ष का घेराव, लेकिन पुलिस को नहीं बुलाया गया

तेजस्वी यादव ने कहा कि ऐसा नहीं है कि अध्यक्ष का इससे पहले घेराव नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि नीतीश बिहार के पुराने इतिहास को भूल गए हैं। उन्होंने कहा कि 46 साल पहले समाजवादियों ने आसन पर बैठकर सरकार चलाया था। हम तो बाहर चले गए थे।  कर्पूरी ठाकुर ने भी सशस्त्र कानून लाया था लेकिन विरोध के बाद उसको रद्द कर दिया गया। लेकिन नीतीश की सरकार ने क्या किया. सदन की गरिमा को तार तार करते हुए पहली बार सदन के अंदर पुलिस को बुलाया गया, विधायकों की पिटाई कराई गई। पत्रकारों पर भी कई बार हमला किया गया है 

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