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अभ्यर्थियों को पसंद नहीं आया BPSC का नया नियम, परीक्षा को लेकर इस व्यवस्था का हो रहा है विरोध

अभ्यर्थियों को पसंद नहीं आया BPSC का नया नियम, परीक्षा को लेकर इस व्यवस्था का हो रहा है विरोध

PATNA : BPSC द्वारा 67 वीं संयुक्त पीटी प्रतियोगिता परीक्षा की तारीखों की घोषणा होने के बाद अब इसका विरोध शुरू हो गया है। जिस तरह से आयोग ने एक दिन की जगह दो दिन तक परीक्षा आयोजित करने का फैसला लिया है। उसको लेकर अभ्यर्थियों में नाराजगी देखी जा रही है। इसके अलावे पहली बार रिजल्ट परसेंटाइल सिस्टम से जारी किए जाने की घोषणा की गई है। अभ्यर्थियों को इस बात से नाराजगी है। उनका कहना है इससे कम नंबर वाले आगे निकल जाएंगे और ज्यादा नंबर वाले पीछे छूट जाएंगे। ऐसे में आज ट्विटर पर बीपीएससी के इस फैसले के विरोध में अभियान चलाया जा रहा है। बीपीएससी परीक्षा 20 और 22 सितंबर को ली जाएगी। 

ट्विटर पर कर रहा ट्रेंड

अभ्यर्थियों ने यह तय किया है कि ज्यादा से ज्यादा मेल बीपीएससी को भेजा जाए कि परीक्षा एक पाली में ही ली जाए। बीपीएससी पहली बार पीटी परीक्षा दो दिन लेने जा रहा है। अभ्यर्थियों का मानना है कि इससे गड़बड़ी और ज्यादा होगी। अभ्यर्थी सोमवार को ट्विटर पर कैंपेन के लिए ये हैशटैग चलाना वाले हैं – #BPSC_PT_IN_ONE_SHIFT

अभ्यर्थी इस तरह की आशंका से ग्रस्त

आयोग के चेयरमैन ने कहा है कि सफल परीक्षार्थियों के ओएमआर शीट और मेंस परीक्षा की कॉपी वेबसाइट पर डाली जाएगी लेकिन कई अभ्यर्थियों ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि परसेंटाइल सिस्टम में इन खामियों की आशंका है...

  • वास्तविक अंक से छेड़छाड़ किया जाएगा। कोई बेहतर अंक लाकर भी बाहर निकल जाएगा और कोई कम अंक लाकर भी अंदर आएगा !
  • मूल्यांकन की प्रकिया वास्तविक मार्क्स पर नहीं होकर आभासी मार्क्स पर होगी!
  • बिहार में आए दिन परीक्षा में धांधली भी छुपी हुई नहीं है। परसेंटाइल सिस्टम भ्रष्टाचार का एक और द्वार खोलेगा!
  • परीक्षा समानता पर आधारित होनी चाहिए, जो अभी तक होती भी आ रही है लेकिन अब इसके बुरी तरह प्रभावित होने की आशंका है!

मई को रद्द की गई परीक्षा ली जानी है

बता दें कि 20 और 22 सितंबर को निर्धारित पीटी परीक्षा वही परीक्षा है जो 8 मई को ली गई थी और जिसमें प्रश्न पत्र लीक होने की वजह से सभी सेंटर्स की परीक्षा रद्द करनी पड़ी थी। इसकी जांच अभी ईओयू की टीम कर रही है। कई गिरफ्तारियां भी इस मामले में हो चुकी हैं। इतनी अधिक संख्या में अभ्यर्थी होने की वजह से आयोग को सेंटर्स खोजने में काफी दिक्कत हुई थी। आयोग का तर्क है कि परीक्षा सही तरीके से संचालित की जाए इसलिए दो दिनों में लेना निर्धारित किया गया है।



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